• ब्लैक फंगस के इलाज के लिये इंजेक्शन ही नहीं मिल रहे, सरकार तुरंत इंतजाम कराए• ऑक्सीजन, रेमडेसिवर की तरह ही एंटी फंगल दवाईयों की भारी किल्लत से लोग परेशान• गांव में फैलने से रोकने और रोगी की तुरंत पहचान के लिये प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर जांच का प्रबंध करे सरकार• ब्लैक या व्हाईट फंगस के प्रारंभिक लक्षण पैदा होते ही तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें लोग चंडीगढ़, 22 मई। राज्य सभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि हरियाणा में कोरोना महामारी के साथ ही ब्लैक फंगस और व्हाइट फंगस के बढ़ते संक्रमण ने नयी चिंता पैदा कर दी है। फंगस से होने वाली इस बीमारी को महामारी एक्ट 1897 के तहत नोटेबल डिजीज घोषित किया गया है। हरियाणा में जिस तेज़ी से इस बीमारी के शिकार मरीजों की संख्या बढ़ी है उसी तेज़ी से ऑक्सीजन, रेमडेसिवर की तरह ही एंटी फंगल दवाईयों की भारी किल्लत से मरीजों के परिजन परेशान हो रहे हैं। ब्लैक फंगस के इलाज के लिये जरूरी इंजेक्शन ही मिल ही नहीं रहे हैं। दीपेंद्र हुड्डा ने मांग करी कि ब्लैक और व्हाईट फंगस से पीड़ित मरीजों के इलाज का सारा खर्चा सरकार उठाए साथ ही एंटी फंगल इंजेक्शन के इंतजाम भी तुरंत कराए। सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि पूरे हरियाणा में ब्लैक फंगस के 332 केस और व्हाइट फंगस के दो केस सरकारी रिकार्ड में दर्ज हुए हैं। लेकिन जिस प्रकार कोरोना का संक्रमण गांव-गांव तक फैल चुका है उसे देखते हुए यदि ब्लैक और व्हाइट फंगस गांवों में घुस गया तो इसके बेहद भयानक नतीजे हो सकते हैं। उन्होंने सरकार से मांग करी कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और आईसीएमआर की गाइडलाईन का पालन करते हुए इस बीमारी को गांवों में घुसने से रोकने के लिये प्रभावी कदम उठाये जाएं। गांव में इसे फैलने से रोकने और रोगी की तुरंत पहचान के लिये प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर जांच का पर्याप्त प्रबंध कराया जाए। साथ ही, दीपेंद्र हुड्डा ने आम लोगों से अपील करी कि फंगल इन्फैक्शन का खतरा कोरोना से भी घातक है। ब्लैक फंगस या व्हाइट फंगस के प्रारंभिक लक्षण महसूस होते ही तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और शासन-प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें। उन्होंने कहा कि इससे पहले प्रदेशवासियों को कोरोना के इलाज में इस्तेमाल होने वाली जीवन रक्षक दवाइयों जैसे रेमडेसिवर, टोसिलीजुमैब सहित ऑक्सीजन, हॉस्पिटल बेड आदि की घोर किल्लत का सामना करना पड़ा था, अब फंगस से होने वाली दोनों बीमारियों के इलाज के लिये इस्तेमाल होने वाली एंटी फंगल दवाओं की भारी किल्लत की खबरें आ रही है। मरीजों के परिजन एंटी फंगल इंजेक्शन की तलाश में अलग-अलग बाजारों के चक्कर काट रहे हैं, बावजूद उन्हें निराशा ही हाथ लग रही है। जिस तेज़ी से ब्लैक फंगस के मामले बढ़ रहे हैं उसके अनुपात में केंद्र सरकार से पर्याप्त दवाईयां नहीं मिल रही है। दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि जो मरीज निजी अस्पतालों में ब्लैक फंगस बीमारी का इलाज करा रहे हैं उन्हें सरल और सुगम तरीके से दवाईयां उपलब्ध हों इसके लिये जरुरी है कि किसी भी स्तर पर इलाज व दवाईयों की उपलब्धता को जटिल न बनाया जाए। क्योंकि, बेहद तेजी से फैलने वाली इस बीमारी का समय से इलाज हो तो मरीज का जीवन और शरीर को गंभीर नुकसान होने से बचाया जा सकता है। Post navigation पिछले 40 सालो से ज्यादा समय से चल रहे अस्थाई मान्यता प्राप्त स्कूलो को एकमुश्त स्थाई मान्यता की मांग :~नरेंद्र सेठी सर्व हरियाणा प्राइवेट स्कूल संघ प्रदेश अध्यक्ष सहयोगः बी.एस.संधू ने पुलिस वेलफेयर फंड के लिए सौंपा 2.01 लाख रुपये का चैक