भारत सारथी

पिछले कुछ दिनों से किसान आंदोलन से जुड़े लोगों की मौत के बाद यह कहना मुश्किल नहीं है कि करोना संक्रमण ने किसान आंदोलन में धरना स्थल पर दस्तक दे दी है। जिसकी अनदेखी करना किसी भी खतरे से कम नहीं है। कृषि कानूनों के विरोध में कुंडली व टिकरी बॉर्डर पर चल रहे धरने में मंगलवार को एक किसान प्रदर्शनकारी की मृत्यु हो गई। सोनीपत पुलिस ने शव को नागरिक अस्पताल में पहुंचा कर जांच कर रही है। पंजाब के पटियाला जिले के शकरपुर गांव निवासी की कुंडली बॉर्डर पर चल रहे विरोध प्रदर्शन में हिस्सा ले रहे थे और कुछ दिनों से उनकी तबीयत खराब चल रही थी। मंगलवार शाम को बुखार से उनकी तबीयत ज्यादा खराब होने की वजह से मौत हो गई। कहा जा रहा है कि उनमे कोरोना के लक्षण नजर आ रहे थे। धरने पर बैठे कई किसान बुखार, खांसी जैसे लक्षण से रोजाना गुजर रहे हैं। कुछ किसान ऐसे लक्षण आने पर घर वापस जाकर जांच करवा रहे हैं। कुछ दिन पहले टिकरी बॉर्डर पर एक महिला प्रदर्शनकारी की भी कोरोना से मौत हो चुकी है।

अभय सिंह संधू भतीजा शहीद भगत सिंह और मेजर खान जो लंबे अरसे से किसान आंदोलन से जुड़े थे और तबीयत खराब होने के कारण घर चले गए। वो दोनों भी अपने गांव या शहर में इलाज के दौरान इस दुनिया को अलविदा कह गए। कोरोना की दूसरी लहर बहुत ही खतरनाक और घातक साबित हो रही है। कोरोनावायरस की चपेट में आकर बिना इलाज के मरीज की 2 से 5 दिन के अंदर ही मौत हो जा रही है। ऐसे में किसान भी जाने- अनजाने में करोना संक्रमण के चपेट में आ रहे हैं तथा संक्रमण फैला रहे हैं। संक्रमित व्यक्ति घर जाकर अपने घर वालों का जीवन भी खतरे में डाल रहा है। आंदोलन स्थल पर बने अस्पताल में कई किसान बुखार से पीड़ित आ रहे हैं। किसान आंदोलनकारियों की है लापरवाही उनके घर वालों की समस्या भी बढ़ा सकती है।

हरियाणा व दिल्ली में आए दिन बढ़ रहे कोरोना मरीजों की संख्या को देखते हुए आंदोलन खत्म करने की अपील भी की जा चुकी है कई दौर की वार्ता के बाद भारत सरकार स्पष्ट कर चुकी है कि सरकार तीनों कानून वापस नहीं लेगी और अगर उन तीनों कानूनों में कुछ खामियां हैं तो उनमें सुधार करने को तैयार है। किसानों को चाहिए कि वह अपनी कोरोना जांच करवाएं,  टीकाकरण भी करवाए व देश में  करोना बीमारी के हालातों को मद्देनजर रखते हुए धरना खत्म कर दें। ऐसे हालातों में जि़द्द पर अड़े रहना अपने जीवन को जानबूझ कर खतरे में डालने जैसा है। ऐसे हालतों में सरकार को चाहिए कि कोरोना जांच,टीकाकरण के कैम्प धरना स्थल पर लगाये और किसान भी सरकार का सहयोग करे।

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