यज्ञ में बड़ी अध्यात्मिक शक्ति होती है: माई जी महाराज

भिवानी/धामु  

भारत माता सेवा चेरिटीबल ट्रस्ट द्वारा आयोजित पांच दिवसीय महामारी निवारण यज्ञ में आज बुधवार को ट्रस्ट के अध्यक्ष एवं कुसुमेश्वर महादेव मंदिर के महंत आचार्य माई जी महाराज ने पूर्ण आहूति देकर विश्व में कोरोना महामारी के प्रकोप के शांति की कामना की।

उन्होने कहा कि यज्ञ में बड़ी अध्यात्मिक शक्ति होती है। मंत्रों से देवताओं का आह्वान किया गया कि वें अपनी दिव्य शक्ति से इस महामारी से मनुष्य जाति की रक्षा करें। उन्होने कहा कि यह हमारी प्राचीन पद्ति है। पर हम अपनी परम्पराओं को भूल गए हैं और इसीका यह परिणाम है कि आज वैभव्यता की चकाचौंध में लुप्त होता मनुष्य धर्म से दूर होता जा रहा है। आचार्य माई जी महाराज ने बताया कि यज्ञ का अपना एक महत्व होता है,  इसीलिए यज्ञ का समय, स्थान और सामग्री निश्चित और निर्धारित होती है। यज्ञ का स्थान कभी नहीं बदला जाता। अगर यज्ञ प्रारम्भ होने के बाद उसका स्थान बदल दिया जाए तो यज्ञ का प्रभाव और उसकी महत्ता खत्म हो जाती है। यज्ञ का स्थान बदलने से प्रकृति और यज्ञ देवता का अपमान होता है। ऐसे में यज्ञ विपरित प्रभाव देता है। गांवों में आज भी प्राकृतिक विपदा आने पर पूरे गांव में धूम्मी देकर गांव देवता को प्रशन्न किया जाता है। लेकिन उसे हवन या यज्ञ नहीं का जा सकता।

उन्होने कहा कि वर्तमान विपदा के समय में हर व्यक्ति को चाहिए कि वो अपने घरों में हवन करें। ताकि वातावरण में शुद्धि आए और वायु में आक्सीजन का स्तर बढ़े। आचार्य जी ने सभी के स्वास्थ्य रहने की कामना की। शास्त्री हर्ष भट्ठ और मुक्तानंद जी महाराज ने मंत्रोच्चारण के साथ पूर्ण आहूति डलवाई। पूर्ण आहूति पर अखंड भारत माता मंदिर निर्माण समिति के संयोजक ईश्वर धामु, श्री वैष्णव समाज के अध्यक्ष दयानंद शर्मा, पत्रकार मुकेश वत्स, धमेंद्र जांगड़ा विशेष रूप से मौजूद थे।

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