सरकार ने इस एक वर्ष के दौरान निजी क्षेत्र के लाखों कर्मियों के साथ ही 6500 सरकारी कर्मचारियों को नौकरी से निकाला
इस आपदा में जितनी मौतें हुई हैं, उतनी तो स्वतंत्रता की लड़ाई में भी नही हुई होगीं

पटौदी 18/5/2021 : महिला कॉन्ग्रेस प्रदेश महासचिव सुनीता वर्मा ने प्रेस के नाम पत्र जारी करते हुए प्रदेश की बीजेपी सरकार को कोरोना महामारी से भी बड़ी आपदा बताया। उन्होंने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि इस खट्टर सरकार ने पिछले एक साल के भीतर 6500 से अधिक सरकारी कर्मचारियों को नौकरी से निकाला वहीं इस आपदा में लाखों मौतों का जिम्मेदार भी बनी।

वर्मा ने कहा कि सरकार द्वारा मई 2020 से 1983 पीटीआई व खेल कोटे में भर्ती हुए 1518 ग्रुप डी के कर्मचारियों की बर्खास्तगी से शुरु हुआ छंटनी का यह सिलसिला पांच मई 2021 तक जारी रहा। इस दिन वन विभाग पंचकूला मुख्यालय से पांच डाटा एंट्री आपरेटर को नौकरी से बर्खास्त किया गया है। सरकार ने 2019 में खेल कोटे से ग्रुप डी में भर्ती हुए 1518, ग्रुप डी की भर्ती होने पर सरकारी कालेजों सहित दर्जनों विभागों से करीब 200 ठेका कर्मचारी, नगर निगम गुरुग्राम, रोहतक, हिसार, कैथल, पलवल व अंबाला से 930, टूरिज्म विभाग से 262, पशुपालन विभाग से 115, पीटीआइ 1983, वन विभाग से पांच डाटा एंट्री आपरेटर, ड्राइंग टीचर 816, हसन खान मेवाती राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय नल्हड़ से 119 स्टाफ नर्स, आइटीआइ से 22, कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड से 65 सफाई कर्मचारी, स्वास्थ्य विभाग में जिला भिवानी, यमुनानगर, कैथल, झज्जर, सिरसा, कुरुक्षेत्र, रोहतक से 367 ठेका कर्मचारी, मार्केट कमेटी करनाल से तीन, ईएसआइसी यमुनानगर, सीडीपीओ आफिस हांसी व तहसील नूंह में एक-एक कर्मचारी को नौकरी से निकाला गया है।

कॉन्ग्रेस नेत्री ने कहा कि इस वैश्विक महामारी में भी इन परिवारों के साथ सरकार ने अमानवीय व्यवहार किया है, सरकार को इस आपदा में उदारता दिखाते हुए नौकरी से निकाले गए इन कर्मचारियों को वापस नौकरी पर लेना चाहिए।

महिला कॉन्ग्रेस नेत्री ने कहा कि अगर प्राइवेट व निजी क्षेत्रों से निकाले गए लाखों कर्मचारियों की संख्या को जोड़ा जाए तो प्रदेश की बदहाली व बीजेपी सरकार की नाकामी साफ दिख जाती है। उन्होंने कहा कि इस खट्टर सरकार ने इतने कर्मचारी तो अपने पूरे कार्यकाल में लगाए नही होंगें जिससे कई सौ गुना ज्यादा उसने हटाये हैं।

हरियाणा प्रदेश महिला कॉन्ग्रेस की प्रदेश महासचिव ने कहा कि आज प्रदेशवासी दो दो आपदाओं से जूझ रहा है, एक बीजेपी दूसरी कोरोना। सरकार की अदूरदर्शिता के चलते कोरोना से मौतों का आंकड़ा बढ़ रहा है, अगर सरकार पिछले दो महीनों में हुई मौतों की सूची ईमानदारी से सार्वजनिक करे तो गुजरात मे हुई मौतों की संख्या भी कम लगने लगेगी। उन्होंने कहा कि इस आपदा में जितनी मौतें हुई हैं, उतनी तो स्वतंत्रता की लड़ाई में भी नही हुई होगीं ये सब जिंदगियां सरकार की अकर्मण्यता की भेंट चढ़ी हैं। वर्मा ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि वो पिछले दो माह में हुई मौतों की संख्या व उनके आंकड़े सार्वजनिक करे, साथ ही निजी व सरकारी उपक्रमों से निकाले गए कर्मचारियों की संख्या भी सार्वजनिक करे।

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