चंडीगढ़, 15 मई-हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि कोरोना की इस वैश्विक महामारी में केन्द्र और राज्य सरकारें अपनी तरफ से बेहतर कार्य कर रही हैं।  इस कार्य में सभी सामाजिक संगठनों एवं समाजसेवी संस्थाओं को और ज्यादा आगे बढक़र अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए। साथ ही, उन्होंने आन्दोलनरत किसानों से अपील करते हुए कहा कि वे इस महामारी के चलते अपने-अपने घरों को लौट जाएं और सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों को मजबूती प्रदान करें।

मुख्यमंत्री आज गीता मनीषी श्री ज्ञानानंद जी महाराज के जन्म दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम में सम्बोधित कर रहे थे। जूनागढ़ अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि व योगगुरु स्वामी रामदेव भी कार्यक्रम से जुड़े।

श्री मनोहर लाल ने कहा कि खुले समाज में मत-भिन्नता होना स्वाभाविक है। लेकिन यह समय मतभेदों को भुलाकर एकजुट प्रयास करने का है। उन्होंने सामाजिक संगठनों के साथ-साथ राजनीतिक दलों का भी आह्वïन करते हुए कहा कि कोरोना एक बहुत बड़ी आपदा है और इसका मुकाबला हमें मिल-जुलकर करना होगा। उन्होंने कहा कि किसान संगठन अपनी मांगों के लिए धरने-प्रदर्शन सामान्य स्थिति होने पर बाद में भी कर सकते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी से मुकाबला करने के लिए सरकार, सामाजिक संस्थाएं, वैज्ञानिक, चिकित्सक तथा योग एवं अध्यात्म से जुड़े लोग अपने-अपने स्तर पर लगे हुए हैं। चिकित्सा की विभिन्न प्रणालियों के माध्यम से इससे छुटकारा पाने की कोशिशें लगातार जारी हैं। लेकिन इस महामारी ने स्वस्थ लोगों को भी प्रभावित किया है।

उन्होंने कहा कि कोरोना की पहली लहर में जहां प्रतिदिन अधिकतम 3000 मामले आए, वहीं इस बार रोजाना तकरीबन 16000 मामले आ रहे हैं। इसके चलते शुरू में स्वास्थ्य व्यवस्था थोड़ी चरमरा गई थी। डॉक्टरों, बिस्तरों के साथ-साथ ऑक्सीजन का भी संकट पैदा हो गया था। लेकिन हालात पर जल्द ही काबू पा लिया गया। इस समय प्रदेश को 282 टन ऑक्सीजन मिल रही है। लगभग 350 संस्थाओं के सहयोग से ऑक्सीजन जरूरतमंद मरीजों के घरों में सप्लाई की जा रही है। सामाजिक संस्थाओं द्वारा बिस्तर, कंसंट्रेटर और वेंटीलेटर जैसी आवश्यक वस्तुओं का योगदान किया जा रहा है।

श्री मनोहल लाल ने कहा कि पिछली बार राज्य सरकार ने कोरोना से काबू पाने के लिए मुख्यमंत्री कोरोना राहत कोष की स्थापना की थी। बड़े ही संतोष की बात है कि उस समय 150 कर्मचारियों ने अपना पूरे माह का वेतन इस राहत कोष में दान कर दिया था। उन्होंने कहा कि सामाजिक संस्थाओं के साथ-साथ संन्यासी वर्ग भी लगातार समाज का मनोबल बढ़ाने का काम कर रहा है जिसके कारण सकारात्मक शक्ति का संचार होता है। उन्होंने गीता मनीषी ज्ञानानंद महाराज के जन्म दिन पर उनकी दीर्घायु की कामना की। इस मौके पर उन्होंने जीयो गीता संस्थान की ओर से एम्बुलेंस और चिकित्सा उपकरणों की सेवा का भी शुभारंभ किया।