योगेंद्र यादव ने पुलिस पर सवाल उठाते हुए कहा कि गंभीर आरोप पर भी पहले दिन से चुप रही पुलिस अब अचानक सक्रिय हो गई.

झज्जर. किसान आंदोलन के दौरान पश्चिम बंगाल की युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म मामले में पुलिस ने दूसरी आरोपी महिला समेत दो वकीलों से पूछताछ की है. वहीं पीड़िता का मोबाइल फोन भी पुलिस तक पहुंच गया है. पीड़िता के पिता के जानकार और संयुक्त किसान मोर्चा से जुड़े लोगों ने पुलिस को मोबाइल सौंप दिया है. पुलिस अब पीड़िता के मोबाइल फोन की फोरेंसिक जांच करवाएगी. उम्मीद है कि पीड़िता के मोबाइल फोन से कई राज खुलेंगे.

वहीं एसआईटी इंचार्ज डीएसपी पवन ने बताया कि आरोपी महिलाओं ने पूछताछ  में माना पीड़िता के साथ गलत हुआ था. पीड़िता ने उन्हें पहले ही सब बता दिया था. वहीं दो आरोपियों की जगह 6 पर एफआईआर दर्ज करने पर डीएसपी ने कहा कि शिकायत में सबका नाम था. तथ्यों को जानबूझकर छुपाना भी अपराध की श्रेणी में ही आता है.

महिला आरोपियों से पूछताछ के बाद डीएसपी ने कहा कि आरोपी महिलाओं को केस के पूरे फैक्ट की जानकारी थी. हम रेप और छेड़खानी में महिला आरोपियों की संलिप्तता की जांच अभी कर रहे हैं. लगातार तीन दिन से केस से जुड़े लोगों से पूछताछ चल रही है. केस से जुड़े किसान आंदोलन के नेताओं समेत करीबन 50 लोगों से पूछताछ होनी है.

योगेंद्र यादव ने दी सफाई

वहीं सामूहिक दुष्कर्म मामले में खुद पर लग रहे आरोपों को लेकर किसान मोर्चा के नेता योगेंद्र यादव ने फेसबुक पर लाइव आकर सफाई दी है. साथ ही सरकार, महिला आयोग और पुलिस पर भी निशाना साधा है. यादव ने कहा है कि इस मामले में उनका नाम लेकर दुष्प्रचार किया जा रहा है. यह झूठ फैलाया जा रहा है कि योगेंद्र यादव को पूरे मामले का पता था, मगर दबाए रखा, जबकि यह सच नहीं है.

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