स्वास्थ्य महानिदेशालय में स्पेशलिस्ट डॉक्टर कर रहे बाबूगिरी
कोविड-19 महामारी की जंग में आईएएस, एचसीएस अधिकारी फिल्ड में तैनात
डाक्टरों की कमी को लेकर एसबीबीएस ओर नर्सिंग स्टूडेंट की ली जा रही सेवाए
इलाज को तरस रहे मरीज

चंडीगढ़। कोविड-19 महामारी के खिलाफ जहा पूरा देश अपनी जंग लड़ रहा है, उस जंग की लड़ाई में सरकार ने आईएएस, एचसीएस, आईपीएस अधिकारियों को भी जिलों अलग से तैनात किया है। प्रदेश में डाक्टरों की कमी को देखते हुए अस्पतालओं में एसबीबीएस ओर नर्सिंग स्टूडेंट की भी सेवाए ली जा रही है। मगर प्रदेश में जनता की जान की रक्षा करने वाले स्पेशलिस्ट डॉक्टर प्रदेश के स्वास्थ्य महानिदेशालय पंचकूला, नेशनल हेल्थ मिशन पंचकूला, एचएमएससीएल व एचएसआरसी में बाबूगिरी कर रहे है। प्रदेश में मरीज इलाज को तरस रहे है। यह डॉक्टर एक नही दो नही लगभग 100 के करीब है। जो अपने रसुक व सिफारस के चलते पिछले दस-दस सालों में पंचकूला में ही डेरा जमाए बैठे है। जिसके चलते वह अपना डॉक्टरी पेशा को भी भूल चुके है। प्रदेश में डॉक्टरों की कमी के कारण मरीज इलाज के लिए तरस रहे हैं. जबकि, कई विशेषज्ञ तो स्वास्थ्य महानिदेशालय में अधिकारी के रूप में तैनात किए गए है। प्रदेश के कई जिला अस्पतालों में चिकित्सकों के पद खाली पड़े हुए है। स्पेशलिस्ट चिकित्सक प्रशासनिक पद के नाम पर बाबूगिरी कर रहे है। प्राप्त जानकारी के अनुसार कुछ स्पेशलिस्ट डॉक्टर तो डाक डिस्पैच का कार्य भी देख रहे है। ताकी फिल्ड के अस्पतालों में नौकरी ना करनी पड़े। जिसका खामियाजा लोगों को उठाना पड़ रहा है। राज्य के स्वास्थ्य महानिदेशालय पंचकूला में लगभग एक दर्जन से भी अधिक स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स प्रशासनिक पद पर बैठकर बाबूगिरी कर रहे है। महानिदेशालय में बाबूगीरी कर रहे डॉक्टर मरीजों को ही नही सरकार को भी धोखा दे रहे है। लोगों ने स्वास्थ्य मंत्री अनील विज से स्पेशलिस्ट डॉक्टरो को प्रदेश के स्वास्थ्य महानिदेशालय पंचकूला, नेशनल हेल्थ मिशन पंचकूला, एचएमएससीएल व एचएसआरसी से बदलकर कोविड-19 महामारी के खिलाफ जंग में लगाने की मांग की है। ताकी लोगो की ज्यादा से ज्यादा इलाज कर जान बचा सकें।

प्रशासनिक पदों पर बैठे चिकित्सक बाबू बने

वही बड़ी संख्या में ऐसे भी चिकित्सक हैं, जिनका मरीजों को लाभ नही मिल पा रहा है। प्रशासनिक पदों पर बैठे यह चिकित्सक दफ्तरों में महज बाबू बनकर रह गए है। इसके चलते चिकित्सकों की संख्या देखने में तो ज्यादा लग रही है लेकिन जिला के अस्पताओं में उनकी खासी कमी बनी हुई है।

नेशनल हेल्थ मिशन पंचकूला में तैनात डॉक्टर

एसएमओ डॉक्टर अंलका जो पिछलें दस सालों से भी अधिक समय से तैनात है। डॉक्टर सुबे सिंह एसएमओ, डॉक्टर निधि शर्मा एसएमआें, डॉक्टर शिमी वर्मा उप निदेशक, डॉक्टर विरेंन्द्र अहलावत, डॉक्टर सरिता यादव, डॉक्टर परमवार सिंह इएमओ, डॉक्टर वीके राजौरा, डॉक्टर वीके बंसल आदि अन्य डॉक्टर एनएचएम में है। स्वास्थ्य महानिदेशालय पंचकूला में डॉक्टर नरेश कलेर, डॉक्टर अहलावत व अनील वर्मा आदि। इसी प्रकार एचएमएससीएल व एचएसआरसी में भी 40 के करीब डॉक्टर कन्संलटैंट व प्रौग्राम अधिकारी के तौर पर तैनात है।

इस मामलें में स्वास्थ्य महानिदेशक पंचकूला व नेशनल हेल्थ मिशन पंचकूला के अधिकारी भी महानिदेशालय में बाबूगीरी कर रहे डॉक्टरों के बारे काई भी जबाब देने को तैयार नही है।

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