-आगामी 10 दिनों में ग्रामीणों की घर-घर जाकर स्क्रीनिंग व स्वास्थ्य जांच भी की जाएगी। – गावों को सैनेटाइज भी करवाया जायेगा। गुरुग्राम, 13 मई। शहरी क्षेत्र में कोरोना संक्रमण कुछ हद तक नियंत्रित होने के बाद अब गुरुग्राम ज़िला प्रशासन शहरी क्षेत्र के साथ साथ गावों पर भी ध्यान देगा। इसके लिए कार्य योजना तैयार कर ली गई है जिसे आने वाले दिनों में अमलीजामा पहनाया जायेगा। हालांकि कोरोना की पहली लहर ज्यादातर शहरी क्षेत्रों तक सीमित रही थी, लेकिन अब दूसरी लहर में संक्रमण के मामले ग्रामीण क्षेत्र में भी पाए जा रहे हैं। इसी तथ्य को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने दिशा-निर्देश भी जारी किए हैं। उन निर्देशों और विषय की गंभीरता को समझते हुए गुरुग्राम जिला प्रशासन ने ग्रामीण क्षेत्र में कार्य योजना बनाकर उस पर काम भी शुरू कर दिया है। उपायुक्त डॉक्टर यश गर्ग के अनुसार कोरोना संक्रमित मरीजों तथा संदिग्ध व्यक्तियों को स्वस्थ लोगों से अलग करने के लिए गांवो में भी आइसोलेशन सेंटर बनाने होंगे। ऐसे सेंटर बनाने के लिए गुरुग्राम जिला के गांवो में 164 भवनों अथवा इमारतों की पहचान की गई है ताकि परिस्थिति अनुरूप आइसोलेशन सेंटर बनाकर कोरोना संक्रमित पाए जाने वाले व्यक्तियों को आवश्यक स्वास्थ्य सुविधाएं दी जा सके। गुरुग्राम जिला में 164 ग्राम पंचायतों में आइसोलेशन सेंटर बनाने के लिए स्थान चिन्हित कर लिए गए हैं। इन आइसोलेशन सेंटरो में स्वास्थ्य सुविधाएं देने के लिए जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग द्वारा एकजुटता से काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के निर्देशानुसार जिला में प्रत्येक गांव को सैनेटाइज करवाने की दिशा में काम किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि आगामी 10 दिन में गावों में घर-घर जाकर लोगो की स्क्रीनिंग व स्वास्थ्य जांच की जाएगी ताकि संक्रमण को फैलने से रोका जा सके। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग व जिला विकास एवं पंचायत विभाग द्वारा संयुक्त रूप से टीमें तैयार की जा रही हैं। इन टीमों में आंगनवाड़ी वर्करों को भी शामिल किया गया है। ये टीमें ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना लक्षण वाले मरीजों के स्वास्थ्य की जांच कर उन्हें कोविड अनुकूल व्यवहार के बारे में जागरूक करेंगी। इन टीमों को जल्द की प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि योजनाबद्ध तरीके से काम किया जा सके। इस टीम में ग्राम पंचायत प्रतिनिधि को भी शामिल किया जाएगा। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार के निर्देशानुसार जिला के 7 हाईरिस्क ग्रामीण क्षेत्रों में पहले से ही 138 टीमों का गठन कर टेस्टिंग, ट्रेसिंग व ट्रीटमेंट पर काम किया जा रहा है। उपायुक्त ने बताया कि आइसोलेशन सैंटर बनाने को लेकर पंचायतों को गांवो की आबादी के अनुसार ग्रांट भी दी जाएगी। जिन गांवो की आबादी 10 हजार से कम है , उन्हें 10 हजार रूपये तथा जिनकी जनसंख्या 10 हजार से अधिक है, उन्हें 50 हजार रूप्ये की ग्रांट दी जाएगी । उन्होंने कहा कि गांवो में कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए वहीं गांव में इसके उपचार की व्यवस्था की जानी अत्यंत आवश्यक है। इसी उद्देश्य से प्रदेश सरकार द्वारा पंचायतों को फंड मुहैया करवाया जा रहा है। उपायुक्त ने आमजन से अपील करते हुए कहा कि वे कोरोना संक्रमण संबंधी लक्षण होने पर तुरंत अपने नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र पर संपर्क करके अपना सैंपल दें और टेस्ट करवाएं । रिपोर्ट आने तक अपने घर में ही परिवार के बाकी सदस्यों से अलग रहें । ऐसा नही करने पर वे अपने परिजनों के जीवन को भी खतरे में डाल सकते हैं, इसलिए वे इस बात का विशेष ध्यान रखें कि संक्रमण ना फैले। लोग भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर जाने से बचें और फेस मास्क का प्रयोग अवश्य करें। Post navigation गुरुग्राम में कोरोना प्रसार को रोकने के लिए जिला प्रशासन द्वारा बड़े प्रकोप वाले क्षेत्रों के प्रबंधन के आदेश कोरोना संक्रमित बीपीएल मरीजों को प्रदेश सरकार देगी 35 हजार रूप्ये तक की राशि की सहायता