अस्पताल में ठेके प्रथा में लगे सभी कर्मियों का कॉन्ट्रेक्ट एक साल के लिए बढाया जाए*
*कोविड मरीज से एम्बुलेंस, दवाओं व इलाज का खर्चा न वसूल करके सरकार वहन करे*

पटौदी 13/5/2021 : “पटौदी सामान्य अस्पताल भी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों व बीजेपी नेताओं की राजनीतिक बयानबाजी और इनकी जुमलेबाजी से बीमार है, इसमें स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ाने के प्रयास करने की बजाए इनके द्वारा अस्पताल के खराब हालात की सच्चाई छुपा कर बस हवा हवाई बातें बनाई जा रही हैं।” उक्त बातें महिला कॉन्ग्रेस प्रदेश महासचिव सुनीता वर्मा ने प्रेस के नाम जारी विज्ञप्ति में कही। उन्होंने कहा कि पटौदी – हेलीमंडी व इसके आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, गावों में हालात और बुरे हैं। जांच धीमी गति से हो रही है, जिससे वास्तविक आंकड़े सामने नही आ पा रहे।

कॉन्ग्रेस नेत्री ने कहा कि पटौदी में कोरोना मरीजों को स्वास्थ्य सुविधाएं नही मिल रही, सरकार ने लोगों को रामभरोसे छोड़ दिया है। वर्मा ने बताया कि अखबार में छपी एक खबर से हॉस्पिटल की बदहाली का अंदाजा लगाया जा सकता है कि यहां स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने खुद स्वीकारा है कि एचएफएनसी, वेंटिलेटर, सीपीएपी और बीआई पीएपी उपकरण जैसी सुविधाएं यहां है ही नही, फिर यहां गम्भीर मरीजों का इलाज कैसे सम्भव होगा?, और फिर स्थानीय बीजेपी विधायक किस तरहं से यहां की स्वास्थ्य सेवाओं से खुद को संतुष्ठ बता रहे हैं?

महिला कॉन्ग्रेस नेत्री ने कहा कि 25 बेडों वाला ये सरकारी अस्पताल खुद बीमार है, मीडिया भी यहां की अव्यवस्थाओं को प्रमुखता से उजागर कर रहा है, किन्तु स्थानीय प्रशासन उन कमियों को दूर करने व स्वास्थ्य सुविधाएं बढाने की बजाए जनता को जुमले दे रहे हैं, और विधायक कह रहे हैं कि ‘सब चंगा सी’ जबकि यहां की बदहाली की ये खबरें भी आई थी कि कोरोना रोगी के शव को ले जाने के लिए कोई शव वाहन न होने के कारण इन रोगियों के शवों को नगरपालिका की कूड़ा ढोने वाली ट्रक्टर – ट्रालियों में ढोया गया।

गौरतलब है कि अस्पताल के बाहर मुख्य द्वार पर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों द्वारा ये नोटिस चिपका दिया गया कि यहां 90 प्रतिशत ऐसे कोरोना मरीजों को यहां दाखिल किया जाएगा जिसका आक्सीजन लेवल 90 से 95 प्रतिशत तक होगा, तथा 85 प्रतिशत आक्सीजन लेवल 2 घण्टे तक रहने वाले मरीजों को रैफर कर दिया जाएगा। कॉन्ग्रेस नेत्री वर्मा ने इस नोटिस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जिस आक्सीजन लेवल वालों को भरती करने की बात कही जा रही है उन मरीजों को भरती होने की आवश्यकता ही नही होती फिर इस नोटिस का क्या औचित्य रह जाता है।

वर्मा ने बीजेपी सरकार पर इस क्षेत्र से सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाते हुए कहा कि वो अनर्गल बयानबाजी करने की बजाए यहां स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ाने पर ध्यान दें। उन्होंने अस्पताल में तुरन्त प्रभाव से आक्सीजन वाले बेडों की संख्या बढ़ाने तथा 10 वेंटिलेटर व ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर उपलब्ध कराए जाने और इस आपदा काल मे एमडी स्तर के बड़े डॉक्टर की नियुक्ति जल्द किये जाने की मांग की । उन्होंने यह भी कहा कि अस्पताल में ठेके प्रथा के तहत लगे वार्डब्याय, स्वास्थ्य कर्मी और सफाई कर्मियों का कॉन्ट्रेक्ट एक साल के लिए बढ़ाया जाए और किसी भी कोरोना पेशेंट से एम्बुलेंस, दवाई व इलाज का खर्चा न वसूला जाए ये पूरा खर्च सरकार खुद वहन करे।

error: Content is protected !!