रेवाड़ी, 13 मई 2021 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने एक बयान में कहा जिस गति से प्रदेश व देश में कोरोना वैक्सीन टीकाकरण हो रहा है उस गति से देश के हर नागरिक को कोरोना वैक्सीन टीका लगाने के लिए कम से कम 3 वर्ष का समय लगेगा1 और तब तक पता नहीं कितनी अमूल्य जाने चली जाएंगी1           

विद्रोही ने इसका उदाहरण देते हुए कहा देश-प्रदेश में आमजनों को कोरोना वैक्सीन टीके लगाने की शुरुआत एक मार्च से शुरू हुई थी1 पर मेरे खुद के जिले रेवाड़ी में प्रशासन द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार ही विगत ढाई माह में जिले की कुल आबादी में से केवल साढ़े तीन प्रतिशत आबादी को कोरोनावायरस वैक्सीन टीके की दोनों डोज लगाई गई है1 पूरे हरियाणा में अभी तक कुल नागरिकों में लगभग पोने तीन प्रतिशत नागरिकों को ही कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लगी है1 वही देश भर में कोरोना वैक्सीन की दोनो डोज पाने वाले नागरिकों की संख्या मात्र ढाई प्रतिशत के आसपास है1 सवाल उठता है कि जब हम ढाई माह में देश भर में केवल ढाई प्रतिशत व हरियाणा में पोने तीन प्रतिशत के आसपास के नागरिकों को कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज दे आए हैं तो इस गति से तो सभी नागरिकों को टीका लगाने में लगभग 3 वर्ष लग जाएंगे1       

  विद्रोही ने कहा चाहे विपक्ष शासित राज्य हो या भाजपा शासित राज्य कोरोना वैक्सीन कमी का रोना हर कोई रो रहा है1 यह दूसरी बात है कांग्रेस सहित विपक्ष शासित राज्यों के मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री मजबूती के साथ कोरोना वैक्सीन कमी का मुद्दा उठा रहे हैं1 जबकि भाजपा शासित राज्यो के मुख्यमंत्री कोरोना वैक्सीन की कमी को दबी जुबान में स्वीकार कर रहे हैं1 खेद का विषय यह है कांग्रेस, विपक्षी दल कोरोना वैक्सीन की कमी का सवाल उठाकर उस कमी को दूर करने के लिए मोदी सरकार को कोई भी सार्थक, रचनात्मक सुझाव देते हैं तो मोदी सरकार उस सुझाव पर विचार करने की बजाय कांग्रेस पर कोरोना आपदा पर राजनीति करने का आरोप जडक़र अपनी जवाबदेही से भाग जाती है1 

 विद्रोही ने कहा इससे बड़ा दुर्भाग्य और क्या होगा कि केंद्रीय बजट 2021-22 में मुफ्त कोरोना वैक्सीन टीके लगाने के लिए 35 हजार करोड़ रुपए का बजट प्रावधान संसद से पारित करवाने के बाद भी मोदी सरकार मुफ्त कोरोना वैक्सीन टीके लगाने के संसद में दिए हुए वचन से भाग गई1 और कोरोना वैक्सीन टीके लगाने की सारी जिम्मेदारी राज्य सरकारों पर डालकर अपना पल्ला झाड़ लिया1         

 विद्रोही ने मोदी सरकार से पूछा कोरोना आपदा समय एसा असंवेदनशील, क्रूर रवैया नागरिकों के साथ खुली धोखाधड़ी नहीं तो और क्या है?

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