मारुति सुजूकी ने 15 मई तक उत्पादन सस्पेंड करने का लिया फैसला

ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ रहे कोरोना के मामलों से प्रशासन व प्रदेश सरकार है चिंतित

गुडग़ांव, 9 मई (अशोक): प्रदेश सरकार ने कोरोना महामारी से निपटने के लिए प्रथम चरण के लॉकडाउन की घोषणा की हुई है। रविवार को लॉकडाउन के 7वें दिन शहर की मुख्य सडक़ों पर यातायात बहुत ही कम संख्या में दिखाई दिया। वाहनों की गति थमी दिखाई दी। कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए जिला प्रशासन पूरी सतर्कता बरतने में लगा है। कोरोना पीडि़तों की समस्याओं का समाधान कराने के लिए जिला प्रशासन ने कई आदेश भी जारी किए हैं।

कोरोना की बढ़ती गति को कम करने के लिए देर में ही सही अब स्वयंसेवी संस्थाएं व समृद्धशाली लोग भी मैदान में आने शुरु हो गए हैं। उधर औद्योगिक क्षेत्रों में विभिन्न प्रतिष्ठानों ने शटडाउन की घोषणा की हुई है। ऑटो मोबाइल क्षेत्र की अग्रणी मारुति सुजूकी कंपनी प्रबंधन ने भी 9 मई तक शटडाउन की घोषणा की हुई थी, लेकिन कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए प्रबंधन ने आज सोमवार से आगामी 15 मई तक उत्पादन सस्पेंड करने का फैसला लिया है। हलात सामान्य हो जाने पर आगामी 17 मई से उत्पादन पुन: शुरु किया जा सकेगा। प्रबंधन ने कर्मचारियों से यह आग्रह भी किया है कि इस दौरान वे अपने निवास स्थान पर ही रहें और भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में जाने से बचें तथा कोरोना से निजात पाने के लिए जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें।

मारुति से जुड़े ज्वाईंड बैंचर्स में भी इस दौरान उत्पादन नहीं होगा। इन ज्वाईंट बैंचर्स में काम करने वाले श्रमिकों में कोरोना को लेकर अनिश्चितता की स्थिति बनी दिखाई दे रही है। उधर प्रदेश भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ ने भी ग्रामीणों से आग्रह किया है कि
कोरोना महामारी का प्रकोप शहरी क्षेत्र के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में फैलता जा रहा है। इस महामारी से बचने के लिए ग्रामीण हुक्का-ताश आदि सामूहिक रुप से न खेलें। अपने घरों में ही हुुक्के का इस्तेमाल करें और ताश खेलें। भाजपा के वरिष्ठ नेता समय सिंह भाटी का कहना है कि प्रदेशाध्यक्ष ने ग्रामीणों से यह आग्रह भी किया है कि कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए वे कोरोना वैक्सीन अवश्य लगवाएं और प्रदेश सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन भी करें। अपने घरों में ही रहें और बिना फेस मास्क लगाए घरों से न निकलें। गौरतलब है कि कोरोना का प्रकोप शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ता जा रहा है।

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