संवेदना अस्पताल कोरोना पीड़ितों को देगा सस्ता इलाज

1000 में सिटी स्कैन एवं 100 रुपए में होगा एक्स-रे
 कंपनी के भाव पर दी जाएंगी दवाइयां 
 ऑक्सीजन बिस्तरों की संख्या बढ़ाकर की जाएगी 40 : डा अभय यादव

भारत सारथी/ कौशिक

नारनौल, 9 मई। जहां एक और महामारी के दूसरे दौर में भिवानी महेंद्रगढ़ के सांसद, नारनौल के विधायक एवं हरियाणा सरकार में मंत्री तथा अटेली के विधायक निष्क्रिय से दिखाई दे रहे हैं वही नांगल चौधरी के विधायक डॉ अभय सिंह यादव समय-समय पर कुछ राजनीति की शतरंज पर ऐसा मोहरा चल देते हैं जो उन्हें राजनीति के क्षेत्र में पारंगत होने पर विवश कर देता है। यही कारण है जब प्रदेश में बीजेपी के प्रति चारों ओर से लोगों में गुस्सा बढ़ता जा रहा है वही वह लोकप्रियता की ओर बढ़ रहे है। 

क्षेत्र में बढ़ते हुए कोरोना महामारी के कहर को देखते हुए संवेदना चैरिटेबल फाउंडेशन द्वारा संचालित संवेदना अस्पताल में कोरोना पीड़ितों के इलाज के लिए अगले 1 महीने के लिए विशेष सस्ते दरों पर इलाज देने की योजना बनायी है। इसके लिए डा. सुरेंद्र मित्तल एमडी मेडिसिन प्रमुख फिजिशियन होंगे तथा डा. मनोज यादव प्रमुख सर्जन एवं अन्य डॉक्टरों की टीम का गठन किया गया है।  इनके सहयोग के लिए पैरामेडिकल स्टाफ की एक टीम का गठन किया गया है जो कोराना  पीड़ितों को संवेदना ट्रस्ट  के विशेष सहयोग से सस्ता इलाज उपलब्ध करवाएगें। संवेदना ट्रस्ट के चेयरमैन एवं नांगल चौधरी के विधायक डा. अभय सिंह यादव की पहल पर यह प्रक्रिया रविवार से प्रारंभ की गई है।

 इसकी विस्तृत जानकारी देते हुए विधायक डॉक्टर अभय सिंह यादव ने प्रेस को जारी एक विज्ञप्ति में बताया कि महामारी की वर्तमान हालातों को देखते हुए जिले में कोरोना पीड़ितों के लिए सस्ते इलाज की सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए ट्रस्ट ने निर्णय लिया है कि इस अवधि के दौरान अस्पताल स्टाफ, डॉक्टर्स एवं अस्पताल के रोजमर्रा के होने वाले खर्च का भार ट्रस्ट द्वारा वहन किया जाएगा तथा अस्पताल में इलाज ले रहे पीड़ितों से सरकारी भाव पर ऑक्सीजन एवं कंपनी रेट पर दवाइयों के दाम लिए जाएंगे तथा अस्पताल में होने वाले विभिन्न जांच का भी वास्तविक खर्चा ही पीड़ित व्यक्ति से लिया जाएगा। इस अवधि के दौरान अस्पताल में भर्ती पीड़ित के होने वाले एक्स-रे की दर घटाकर 100 रुपए कर दी गई है तथा अस्पताल में भर्ती पीड़ितों की सीटी स्कैन की दर भी घटाकर 1000 रुपए कर दी गई है।

डा. यादव ने आगे बताया कि शहर की ही एक दवाई सप्लाई करने वाली फर्म मैसर्स मेगा मेडिकोज के प्रोपराइटर नरेंद्र सिंह ने कंपनी रेट पर दवाई सप्लाई करने पर अपनी सहमति दी है तथा अस्पताल द्वारा उसी रेट पर इलाज करवा रहे पीड़ितों को यह दवाई उपलब्ध करवाई जाएगी। इसके अतिरिक्त यदि कोई विशेष दवाई बाजार से अगर खरीदने की आवश्यकता हुई तो वह संबंधित पीड़ित के परिजनों द्वारा स्वयं उपलब्ध करवाई जाएगी। सरकारी स्तर पर उपलब्ध होने वाले इंजेक्शन की कीमत सरकारी भाव पर ली जाएगी। पीड़ित व्यक्ति के इलाज के दौरान रोजमर्रा में दैनिक रूप से उपयोग किए जाने वाली सामग्री का वास्तविक खर्चा ही इलाज करवाने वाले पीड़ित से लिया जाएगा तथा अन्य  खर्च ट्रस्ट द्वारा स्वयं वहन किया जाएगा। डा. यादव ने कहा कि संवेदना द्वारा वसूल किया जाने वाला खर्चा सरकार द्वारा निर्धारित खर्चे से भी काफी कम रखने का प्रयास रहेगा।

 डा. यादव ने आगे बताया कि वर्तमान में अस्पताल में 10 बिस्तर कोरोना पीड़ितों के लिए चलाए जा रहे हैं जिनकी संख्या आज ही बढ़ाकर 21 कर दी गई है तथा कल परसो तक इसकी संख्या बढ़ाकर 28 से 30 कर दी जाएगी तथा इसी तरह से अगले कुछ दिनों में इस को आगे बढ़ाते हुए 40 तक ले जाने की योजना है। इस दौरान अस्पताल का मूल उद्देश्य पीड़ित व्यक्ति को वेंटीलेटर की स्टेज पर पहुंचने से बचाना है तथा डॉक्टरों का यह भरसक प्रयास रहेगा कि पीड़ित व्यक्ति को उस स्टेज तक पहुंचने से पहले ही उचित इलाज देकर उसके जीवन को बचाया जा सके। ऐसा देखने में आया है कि पीड़ित की हालत जब बहुत अधिक खराब हो जाती है तब ही परिवार के लोग अस्पताल लेकर आते हैं।

डॉक्टर यादव ने कहा कि मैं लोगों से अपील करता हूं कि जब ऑक्सीजन का स्तर लगातार घटने लगे तो उसी समय पीड़ित को किसी ने किसी अस्पताल में ले जाया जाए ताकि इसी स्टेज से उसका उचित इलाज देकर बचाया जा सके। अतः संवेदना अस्पताल का मुख्य प्रयास ऐसे पीड़ितों की हालत में समय रहते सुधार करने पर रहेगा। इसके साथ ही डा. यादव ने जिला प्रशासन से अपील करते हुए कहा कि अस्पतालों को ऑक्सीजन की सप्लाई सुचारू रूप से जारी रखी जाए जिससे अस्पतालों में दाखिल पीड़ितों को समय पर सही एवं समुचित इलाज दिया जा सके। इसके साथ ही उन्होंने प्रशासन से यह भी अनुरोध किया कि प्रशासन सभी अस्पतालों पर अपनी पैनी नजर रखें ताकि सरकार द्वारा उपलब्ध करवाए जाने वाले किसी भी संसाधन का कोई अस्पताल दुरुपयोग ना करें तथा सरकार द्वारा निर्धारित दरों से ज्यादा यदि कोई अस्पताल पीड़ितों से वसूली करता पाया जाए तो उनके विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की जाए ।

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