फ्रंटलाइन कोरोना योद्धाओं को दें सम्मान, वैश्विक महामारी में जी जान से जुटे हैं : प्रोफेसर बी.आर. काम्बोज

विश्व रेडक्रॉस डे पर स्वयंसेवकों और कोरोना योद्धाओं के कार्य की सराहना की

हिसार : 8 मई – चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार के कुलपति प्रोफेसर बी.आर. काम्बोज ने कहा कि वर्तमान समय में फैली वैश्विक महामारी के समय फ्रंटलाइन कोरोना योद्धा दूसरों की जिंदगी बचाने के लिए समर्पित है। ऐसे में उनके योगदान को किसी भी सूरत में भूलाया नहीं जा सकता। हमें उनका सम्मान करना चाहिए, साथ ही सभी को मिलकर उनके कार्य में जहां तक हो सके सहयोग भी करना चाहिए। ये विचार उन्होंने विश्व रेडक्रॉस दिवस के अवसर पर स्वयंसेवकों व कोरोना योद्धाओं के कार्य की सराहना करते हुए व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि 8 मई को हर साल विश्व रेडक्रॉस दिवस मनाया जाता है। इस दिन लोग रेडक्रॉस वॉलिंटियर्स को जरूरतमंद लोगों की मदद करने में उनके योगदान के लिए प्रोत्साहित करते हैं। उन्होंने कहा कि रेडक्रॉस सोसायटी का मुख्य उद्देश्य मूल रूप से किसी भी समय और परिस्थितियों में सभी प्रकार की मानवीय गतिविधियों को प्रेरित करना, आरंभ करना और प्रोत्साहित करना है। रेडक्रॉस सोसायटी मानवता, निष्पक्षता, तटस्थता, स्वतंत्रता, स्वैच्छिक, एकता और सार्वभौमिकता जैसे सिद्धांतों पर आधारित है। इसके अलावा लोगों को रक्तदान के प्रति जागरूक करना और रक्तदान शिविर के लिए लोगों को प्रेरित भी करता है। साथ ही बाढ़, भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित लोगों की मदद करते हैं और आपातकालीन सेवाएं प्रदान करते हैं।

हम भी बने वालिंटियर्स
उन्होंने कहा न केवल कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के दौरान बल्कि हर उस परिस्थितियों में हमें भी एक वालिंटियर्स की भूमिका निभानी चाहिए जिससे देश और मानवता की भलाई हो सके। हमें तन-मन-धन से हरसंभव संकट की घड़ी में आगे आना चाहिए और इसे अपना नैतिक कर्तव्य मानते हुए कार्य करना चाहिए।

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