गुडग़ांव, 5 मई (अशोक): कोरोना महामारी के प्रकोप से लोगों को बचाने के लिए जीवनरक्षक संसाधन के रुप में इस्तेमाल की जाने वाली ऑक्सीजन गैस सिलेंडरों की कालाबाजारी करने वाले मामले के 6 आरोपियों की जमानत पर सुनवाई करते हुए एडिशनल चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट मनोज कुमार राणा ने मामले की गंभीरता को देखते हुए सभी आरोपियों की जमानत खारिज कर दी है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले के ड्रग कंट्रोल ऑफिसर अमनदीप चौहान ने गत 23 अप्रैल को पुलिस थाना सदर में आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 व ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक एक्ट 1940 तथा आपदा प्रबंधन एक्ट 2005 ए व भादंस की धारा 420, 34, 120 बी के तहत मामला दर्ज कराया था। शुरु में इस मामले में राजेश यादव, धर्मेंद्र सिंह, सत्यम तिवारी, भूपेंद्र यादव को गिरफ्तार कर लिया गया था। इन पर आरोप थे कि कोरोना महामारी के पीडि़तों की मजबूरी का लाभ उठाते हुए वे ऑक्सीजन गैस की कालाबाजारी कर रहे थे। पुलिस पूछताछ में उन्होंने अपने 2 साथियों मुकेश व हाकिम की जानकारी भी दी थी। पुलिस ने इन दोनों को भी गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। तभी से ये आरोपी जिला जेल में बंद थे।

उन्होंने अपने अधिवक्ता के माध्यम से अदालत में जमानत याचिका दायर की थी। पिछले 3 दिनों से जमानत याचिका पर सुनवाई चल रही थी। जमानत याचिका का जिला ड्रग कंट्रोलर व मामले की जांच कर रहे पुलिस के जांच अधिकारी ने विरोध करते हुए अदालत से आग्रह किया कि आरोपियों की जमानत याचिका स्वीकार न की जाए। क्योंकि उन्होंने कोरोना महामारी के दौरान जीवनरक्षक गैस की कालाबाजारी करते हुए कई लोगों से ठगी भी की है। मरीजों को मिलने वाली गैस की उपलब्धता भी प्रभावित हुई है। अदालत ने अभियोजन पक्ष की दलीलों को स्वीकार करते हुए सभी उक्त 6 आरोपियों की जमानत याचिका बुधवार को खारिज कर दी है।

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