मंडियां बंद करके किसानों को गेंहू की बिक्री के लिए गेट पास नहीं. मौसम विभाग 5-6 मई को बरसात की भविष्य वाणी कर चुका. करीब पौने दो लाख कटटे गेंहू बरसात की भेट चढ़ सकते है फतह सिंह उजालापटौदी। निदेशक खाद्य , नागरिक अपूर्ति एवं उपोक्ता मामले विभाग हरियाणा के आदेशानुसार जिला गुरुग्राम सहित 7 जिलों में रबी सीजन 2020-2021 की तुलना में 125 प्रतिशत अधिक गेंहू की खरीद हो चुकी है। अधिक खरीद होने के चलते गेंहू की खरीद का कार्य मंडियों में बंद करके गेंहू की खरीद के लिए गेट पास नहीं दिए जाने के आदेश दिये गए। इसके बाद से फर्रुखनगर अनाज मंडी में भी गेंहू की खरीद प्रक्रिया बंद हो चुकी है। मंडी में 1 से 30 अप्रैल 2021 तक हरियाणा वेयर हाउसिंग कारोपोरेशन लि. खरीद एजेंशी द्वारा 2 लाख 49 हजार 8 सौ 78 क्विंटल गेंहू की खरीद का कार्य किया गया है। लेकिन कोरोना संक्रमण का भय और पल्लेदारों की तबीयत ठीक नहीं होने के चलते मंडी में खरीदे गए गेंहू के उठान में देरी हो रही है। जबकि मौसम विभाग पहले ही 5-6 मई को बरसात की भविष्य वाणी कर चुका है। अगर समय रहते मंडी से गेंहू का उठान नहीं किया गया तो फर्रुखनगर अनाज मंडी में खुले आसमान के नीचे एकत्रित करीब पौने दो लाख कटटे गेंहू बरसात की भेट चढ़ सकते है। मार्किट कमेटी के सचिव मनीष कुमार व हरियाणा वेयर हाउसिंग कारपोरेश लि. की प्रबंधक सुमन सिंह ने बताया कि फर्रुखनगर अनाज मंडी में उच्च अधिकारियों के आदेशानुसार 30 अप्रैल से गेंहू की सरकारी खरीद का कार्य बंद है। एजेंशी द्वारा सर्मथन मुल्य 1975 रुपए प्रति क्विंटल कर दर से इस वर्ष 2 लाख 49 हजार 8 सौ 78 क्वंटल गेंहू की खरीद का कार्य किया गया । जबकि गत वर्ष 1 लाख 41 हजार क्विंटल गेंहू की खरीद का कार्य किया गया था। अनाज मंडी में पर्याप्त मात्रा में बारदाना तो उपलब्द है। लेकिन खरीदे गए गेंहू के करीब पांच लाख कटटों में से सवा तीन लाख कटटों को ही गौदाम में सिफ्ट किया गया है। उठान के कार्य में सबसे बडी बाधा कोरोना महामारी के भय के चलते पल्लेदारों को घर पलायन , बीमार होना है। जिसके चलते मंडी में करीब पौने दो लाख कटटे मंडी में ही पडे है। सभी आढ़तियों को मौसम से बचाव के लिए इंतजाम करने के लिए कहा जा चुका है। मंडी में जितने गेंहू का उठान हो चुका है उतने गेंहू का भुगतान किसानों के खाते में सरकार द्वारा किया जा चुका है। शेष गेंहू भी अगले एक सप्ताह में गौगाम में पहुंचाने की व्यवस्था हो जाएगी। इसके लिए व्यापारियों से पल्लेदार लाकर गाडियों में गेंहू के कटटे लोड करवा कर गौदाम तक पहुंचाने में मदद भी मांगी गई है। ताकि सरकारी गेंहू खराब ना हो। Post navigation कोरोना महामारी ने हमें सिखाया बहुत बड़ा सबक: जरावता लोकप्रियता की लालसा में जिलों में घूम घूम कर कोविड प्रोटोकॉल को तोड़ रहे हैं सीएम खट्टर : सुनीता वर्मा