शुक्रवार को कोरोना गाइड लाइन के मुताबिक आता की नमाज.
सेहत स्वास्थ्य को ध्यान में रख नमाज के समय में भी अंतर

फतह सिंह उजाला

पटौदी । पटौदी की पहचान बेशक से विश्व विख्यात क्रिकेटर मंसूर अली खान पटौदी और उनके पूर्वजों के नाम के साथ पटौदी जुड़ा होने के कारण आज दुनिया भर में हैं।  लेकिन यहीं पर ही एक 100 वर्ष पुरानी भारतीय सनातन संस्कृति और संस्कृत भाषा के प्रचार-प्रसार सहित शिक्षा के लिए आश्रम हरी मंदिर संस्कृत महाविद्यालय भी मौजूद है । ऐसे में हिंदू और मुस्लिम संस्कृति सहित आपसी भाईचारे की मिसाल लिए पटौदी की अपनी एक अलग ही पहचान है ।

रमजान के दौरान मुस्लिम समुदाय के द्वारा रोजे रखे जा रहे हैं और मुस्लिम समुदाय के लोगों के द्वारा रमजान और रोजे के दौरान पांच वक्त की नमाज भी अता की जा रही है । पटौदी और हेलीमंडी को मिलाकर ईदगाह सहित कुल 13 मस्जिदें हैं । 30 अप्रैल जुम्मा शुक्रवार के दिन पटौदी शहर में ही विभिन्न मस्जिदों में मुस्लिम समुदाय के लोगों के द्वारा कोरोना प्रोटोकॉल का पूरी तरह से पालन करते हुए नमाज अदा की गई । इस दौरान विभिन्न मस्जिदों में बिल्कुल साफ देखा गया की नमाज अदा करते समय रोजेदार मास्क पहने हुए थे , कोरोना गाइडलाइन के मुताबिक तय की गई दूरी पर बैठकर ही अथवा मौजूद रहकर मस्जिदों के मौलवी के नेतृत्व में नमाज अदा की गई ।

इस मौके पर मुस्लिम समुदाय के अनेक लोगों से भी चर्चा की गई । मुस्लिम समुदाय के प्रबुद्ध नागरिकों बुजुर्गों ने कहा कि वास्तव में रमजान का समय उनके लिए सबसे पवित्र होता है । प्रत्येक परिवार के सदस्य जो बालिग वे रोजा रखते हैं और नमाज भी अता करते हैं । नाबालिक रोगी के लिए रोजा रखना यह उसकी अपनी मर्जी पर निर्भर करता है । मुस्लिम समुदाय के प्रबुद्ध नागरिकों का कहना है कि कोरोना कोविड-19 महामारी का बीते वर्ष भी रमजान के दौरान सभी को प्रकोप झेलना पड़ा और 1 वर्ष बाद भी बीते वर्ष जैसे ही हालात बने हुए हैं । ऐसे परवरदिगार-अल्लाह ताला से नमाज के समय में यही दुआ की जाती है कि जितना जल्दी हो सके देश और दुनिया को कोरोना कोविड-19 जैसी गंभीर जानलेवा महामारी से राहत दिलाए । क्योंकि यह एक ऐसी बीमारी है जोकि किसी भी धर्म, वर्ग, संप्रदाय, अमीर , गरीब किसी के साथ भी कतई भी भेदभाव ना करते हुए कोई रहम भी नहीं दिखा रही ।

रमजान के दौरान रोजेदार महिलाएं अपने अपने घरों में रहकर नमाज अता कर रही हैं । सबसे खास बात यह रखी गई है कि विभिन्न मस्जिदों में नमाज अदा किए जाने के समय में भी इस बार कुछ ना कुछ समय का भी अंतर रखा गया है । सभी मुस्लिम भाइयों से खास तौर से अनुरोध किया गया है कि समाज और राष्ट्रहित के साथ-साथ इंसानियत को सर्वोपरि रखते हुए कोरोना कोविड-19 की सभी गाइडलाइन का पालन किया जाए । इस बात में किसी को कोई शक सुबहा नहीं होना चाहिए कि यदि हम किसी भी प्रकार की अनदेखी या मनमानी करेंगे तो अल्लाह पाक अनदेखी करने वालों को माफ भी नहीं करेंगे। रमजान के दौरान अल्लाह की रहमत हर खास और आम पर बरसती है और रमजान सहित रोजा खोलते समय भी सभी मुस्लिम भाई यही दुआ करते हैं कि कोरोना कोविड-19 महामारी से सभी को बचाकर सेहनमंद बनाए रखें और जो भी कोई इंसान कोरोना कॉविड 19 से पीड़ित है ऐसे तमाम लोगों को सेहत के साथ स्वास्थ्य भी बक्श दे।

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