शहर के चार निजी अस्पतालों के पास नहीं है फायर विभाग से एनओसी, फिर भी दाखिल कोरोना के मरीजबोंबे और नासिक में हो चुके हैं बड़े हादसे, फिर भी नहीं जाग रहा स्वास्थ्य विभाग भिवानी, 29 अप्रैल। बिना मानकों के ही स्वास्थ्य विभाग ने शहर के निजी अस्पतालों में कोविड-19 सेंटर बना डाले। इन निजी अस्पतालों के पास फायर विभाग से एनओसी तक नहीं है। हाल ही में बोंबे और नासिक के कोविड सेंटरों में आग लगने की घटनाओं से काफी मरीजों की विभागीय लापरवाही से मौत हो चुकी हैं। वहां अब जांच हो रही हैं, लेकिन भिवानी में भी स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही आरटीआई में जांगी जानकारी में उजागर हुई है। स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल सिंह परमार ने जिला दमकल अधिकारी कार्यालय से जनसूचना अधिकार अधिनियम 2005 के तहत निजी अस्पतालों की एनओसी संबंधी जानकारी मांगी थी। जिसके जवाब में ये खुलासा हुआ है। स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल सिंह परमार ने जिला दमकल अधिकारी कार्यालय से अप्रैल माह में आरटीआई से निजी अस्पतालों की विभाग से एनओसी संबंधी विभिन्न पहलुओं से जुड़ी जानकारी मांगी थी। जिसका जवाब 29 अप्रैल को विभाग ने दिया। इसमें बताया गया कि शहर के 6 निजी अस्पतालों के पास फायर विभाग से कोई एनओसी नहीं है। बृजपाल सिंह परमार ने बताया कि इन सभी निजी अस्पतालों में स्वास्थ्य विभाग ने कोविड-19 सेंटर बनाए हुए हैं, जहां क्षमता से अधिक कोरोना संक्रमित मरीजों को भी दाखिल किया हुआ है। इन मरीजों की जान से भी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी व निजी अस्पताल संचालक खिलवाड़ कर रहे हैं। नियम के अनुसार बिना फायर विभाग की एनओसी के न तो कोविड सेंटर बना सकते हैं और न ही आयुषमान भारत योजना का ये निजी अस्पताल लाभ उठा सकते हैं। मगर फिर भी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से मिलीभगत कर निजी अस्पतालों में नियमों को ताक पर रखकर कोविड सेंटर बनाए गए हैं। अप्रैल माह में ये हो चुके हैं कोविड सेंटरों में आगजनी के हादसे बृजपाल सिंह परमार ने बताया कि देश भर में कोविड सेंटरों में आगजनी की घटनाओं से करीब 30 मरीज अपनी जान गंवा चुके हैं। इनमें 15 अप्रैल को नासिक के एक निजी अस्पताल के कोविड सेंटर में आग लगी थी। जिसमें वहां दाखिल 22 मरीजों की मौत हो गई थी। इसी तरह बोंबे में 24 अप्रैल को कोविड सेंटर में आग लगी थी। जिसमें 14 कोरोना संक्रमितों की मौत हो गई थी। 28 अप्रैल को फिर बोंबे में बने कोविड सेंटर में लगी आग की वजह से चार कोरोना मरीजों की मौत हुई थी। जिन अस्पतालों पर मरीजों की जिंदगी बजाने का जिम्मा था, उन्हीं में लापरवाही की वजह से कोरोना मरीजों की जान चली गई। ये हैं शहर के निजी अस्पताल, जिनके पास नहीं फायर विभाग की एनओसी 1. अंचल मेटरनिटी एवं नर्सिंग होम दिनोद गेट भिवानी। 2. स्पेस मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल पुराना बस स्टैंड भिवानी। 3. जांगड़ा मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल रोहतक रोड भिवानी। इसकी एनओसी की तिथि एक्सपायर हो चुकी है। 4. गणतराय मातृ सेवा सदन नेहरू पार्क के सामने भिवानी। Post navigation माई जी महाराज ने की कोरोना को हराकर आने वालों से प्लाज्मा दान करने की अपील भिवानी के प्रथम प्लाज्मा डोनर विनोद चावला को जर्नलिस्ट क्लब सम्मानित करेगा