एचएयू में रिफे्रशर कोर्स का समापन, देशभर के वैज्ञानिकों ने लिया हिस्सा हिसार : 28 अपै्रल – किसी भी अनुसंधान के बेहतर परिणामों को हासिल करने के लिए वैज्ञानिकों द्वारा किए जाने वाले सामूहिक प्रयास कारगर साबित होते हैं। इसलिए वैज्ञानिक विभिन्न संकायों व संस्थाओं के सहयोग से अनुसंधान को आगे बढ़ाएं ताकि किसान समुदाय को इनका अधिक से अधिक लाभ मिल सके। ये विचार चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर बी.आर. काम्बोज ने कहे। वे मानव संसाधन प्रबंधन निदेशालय की ओर से अनुसंधान प्रबंधन विषय पर ऑनलाइन माध्यम से आयोजित तीन सप्ताह के रिफे्रशर कोर्स के समापन अवसर पर बतौर मुख्यातिथि बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि वैश्विक कोरोना महामारी से उत्पन हुई परिस्थितयों से घबराने की बजाए इन्हें अवसर में बदलने का समय है। इसलिए यह केवल दिनांक बदलने का समय नहीं है बल्कि दिशा बदलने का समय है। उन्होंने कहा कि यह सब वैज्ञानिकों के सकारात्मक रवैये, विश्वास, लक्ष्य और दृष्ढ़ संकल्प से ही संभव हो सकता है। इस कोर्स से हासिल ज्ञान को प्रतिभागी व्यावहारिक रूप से अपनाते हुए इसका अधिक से अधिक लाभ उठाएं। साथ ही यहां से सीखी गई इन तकनीकों के उपयोग से वैज्ञानिकों को विभिन्न फसलों की उन्नत किस्मों व तकनीकों को विकसित करने में मदद मिलेगी जो किसानों के लिए भी फायदेमंद होंगी। मुख्यातिथि ने इस कोर्स में शामिल राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर के वैज्ञानिकों की सराहना की। स्नातकोत्तर अधिष्ठाता एवं मानव संसाधन प्रबंधन निदेशालय के निदेशक डॉ. अतुल ढींगड़ा ने वर्तमान समय में अनुसंधान प्रबंधन को लेकर वैज्ञानिकों से आधुनिक तकनीकों से सांमजस्य बैठाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक स्वयं को नई-नई तकनीकों के साथ जोड़ें ताकि वे अनुसंधान के क्षेत्र में मौजूदा परिस्थितियों को ध्यान में रखकर बेहतर तरीके से कार्य कर सकें। देशभर से 48 कृषि वैज्ञानिकों ने लिया भागपाठ्यक्रम संयोजिका डॉ. मंजू मेहता ने प्रतिभागियों व अतिथियों का स्वागत किया और रिफे्रशर कोर्स के दौरान कराई गई गतिविधियों के बारे में विस्तापूर्वक जानकारी दी। इस पाठ्यक्रम में 48 प्रतिभागियों ने देशभर से हिस्सा लिया, जिसमें से 27 प्रतिभागी हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय और 21 प्रतिभागी देश के विभिन्न राज्यों पंजाब, उत्तरप्रदेश, आंध्रप्रदेश, महाराष्ट्र एवं छत्तीसगढ़ से थे। पाठ्यक्रम संयोजिका डॉ. अंजू कुमारी ने मंच का संचालन करते हुए धन्यवाद प्रस्ताव पारित किया। इस दौरान उत्तर प्रदेश के कृषि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी स्कूल से सहायक प्राध्यापक डॉ. रिचा खन्ना, सहायक निदेशक(बागवानी) डॉ. सुरेश धानियां एवं सस्य विज्ञान विभाग से डॉ. अनिल कुमार ढाका ने इस प्रशिक्षण के सफल आयोजन में विशेष सहयोग दिया। Post navigation एचएयू कृषि विज्ञान केंद्रों पर लगावाएगा मेगा वैक्सीनेशन कैम्प : : कुलपति प्रोफेसर बी.आर. काम्बोज पर्दा है पर्दा , पर्दे के पीछे कोरा झूठ