प्रदेश ने केन्द्र से 270 टन आक्सीजन मांगी थी और उसे मिली केवल 162 टन ; स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज

रेवाड़ी, 27 अप्रैल 2021 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश प्रवक्ता वेदप्रकाश ने आरोप लगाया कि भाजपा खट्टर सरकार प्रदेश में आक्सीजन की उपलब्धता पर दोहरे बयान देकर स्वयं अपने आपको कटघरे में खड़ा करके अप्रत्यक्ष रूप से आक्सीजन की कमी को स्वीकार कर रही है। विद्रोही ने सवाल किया कि जब हरियाणा सरकार अनुसार प्रदेश में आक्सीजन की कोई कमी नही है तो प्रदेश में रेवाड़ी, गुरूग्राम, पलवल, पानीपत, हिसार में आक्सीजन की कमी से कोरोना मरीजों की मौत क्यों हुई? वहीं यदि प्रदेश में आक्सीजन पर्याप्त है तो निजी कोविड अस्पताल, डाक्टर, कोरोना मरीज परिजन, आमजन आक्सीजन कमी का रोना क्यों रो रहे है?आक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था के लिए इधर-उधर क्यों भाग रहे है?

विद्रोही ने कहा कि प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री मीडिया के सामने कह रहे है कि प्रदेश ने केन्द्र से 270 टन आक्सीजन मांगी थी और उसे मिली केवल 162 टन। सवाल उठता है कि जब प्रदेश में 270 टन आक्सीजन की प्रतिदिन आवश्यकता है तो 162 टन आक्सीजन से काम कैसे चल सकता है? प्रदेश के गृह व स्वास्थ्य मंत्री प्रैसवार्ता में स्वीकार कर रहे है कि केन्द्र प्रदेश को आवश्यकता से 108 टन कम आक्सीजन सप्लाई कर रहा है। जब प्रदेश में मांग अनुसार प्रतिदिन 108 टन कम आक्सीजन सप्लाई हो रही है तो भी आक्सीजन पर्याप्त है, यह कहना जुमला नही तो क्या है?

विद्रोही ने कहा कि एक सांस में पर्याप्त आक्सीजन होने का दावा किया जाता है तो दूसरी सांस में केन्द्र से 108 टन आक्सीजन कम सप्लाई का रोना रोया जाता है। सरकार का यह विरोधाभासी रवैया ही आक्सीजन समस्या का सबसे बड़ा कारण है। जब सरकार आक्सीजन की कमी को स्वीकार करके उसकी पूूर्ति का ईमानदारी से प्रयास नही करेगी तो आक्सीजन संकट दूर कैसे होगा? वहीं कोविड अस्पतालों में भर्ती मरीजों की संख्या के अनुपात में उन्हे प्रतिदिन समय पर पर्याप्त आक्सीजन उपलब्ध नही करवाएगी तो रेवाड़ी, गुरूग्राम, पानीपत, पलवल, हिसार जैसी घटनाएं होना व कोरोना मरीजों का आक्सीजन कमी से मरना तय है। विद्रोही ने कहा कि उन्हे आश्चर्ये है कि कोई भी संवेदनशील सरकार इस संकट की घड़ी में भी सच्चाई को स्वीकार करके कोविड सम्बन्धित व्यवस्थाओं, आक्सीजन, जीवनदायी दवाओं, पर्याप्त बैड, वेटिलेंटर आदि की व्यवस्थाएं करने की बजाय जुमलेबाजी करके अपनी जवाबदेही से कैसे भाग सकती है?

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