सोमवार को कुछ समय के लिए स्वास्थ्य सेवा बुरी तरह चरमराई. एसएमओ ने सीएमओ से बात कर बिगड़े हालात को किया काबू. आउट सोर्स कर्मचारियों के द्वारा लगाए गए गंभीर आरोप फतह सिंह उजाला पटौदी । पटौदी के नागरिक अस्पताल में सोमवार को सुबह अचानक आउटसोर्स कर्मचारियों के द्वारा कथित हड़ताल किया जाने से स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया । इस मामले की जैसे ही जानकारी पटौदी नागरिक अस्पताल के सीनियर मेडिकल ऑफिसर डॉक्टर नीरू यादव को मिली तो उन्होंने बिना देरी किए गुरुग्राम में सिविल सर्जन डॉ वीरेंद्र यादव से फोन पर बात करके आउट सोर्स सभी कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान करवाया । आउटसोर्स कर्मचारियों के द्वारा जिनमें की सफाई करमचारी से लेकर अस्पताल में विभिन्न प्रकार के काम करने वाले कर्मचारी भी शामिल रहे, इनके द्वारा सोमवार सुबह ही पटौदी नागरिक अस्पताल प्रशासन पर ऐसे काम करवाए जाने के गंभीर आरोप लगाए गए जिनके लिए यह कर्मचारी ने तो अधिकृत हैं और ना ही इन्हें संबंधित कार्य के विषय में किसी प्रकार की जानकारी है और ना ही कोई प्रशिक्षण भी प्राप्त किया गया है । आउट सोर्स कर्मचारियों के आरोप अनुसार कोरोना कोविड-19 के जांच के लिए सैंपल लेने से लेकर रोगियों को इंजेक्शन लगाने सहित ग्लूकोज चढ़ाने तक के लिए कथित दबाव बनाया जाता है । इन कर्मचारियों का कहना है कि इस प्रकार के कार्य के लिए वह न तो अधिकृत हैं और ना ही किसी भी प्रकार का प्रशिक्षण भी उनके द्वारा लिया गया है । वहीं इसी बीच यह बात भी सामने आएगी आउटसोर्स कर्मचारियों को बीते माह का ठेकेदार के द्वारा वेतन उपलब्ध करवाया गया । इतना ही नहीं, नियमित रूप से उनकी अटेंडेंस नहीं लगाई जा रही है । इसी मुद्दे को लेकर यह कर्मचारी सोमवार को अचानक काम छोड़कर एक तरफ बैठ गए । वहीं अस्पताल परिसर में ही आउट सोर्स के ही कर्मचारियों को यह कहते भी सुना गया कि जो काम हम लोगों को नहीं करना चाहिए , उस काम के लिए क्यों मजबूर किया जा रहा है ? इस दौरान हुआ यह कि कुछ ऐसे मरीज अस्पताल परिसर में ही जमीन पर लेटे हुए आपातकालीन वार्ड में एडमिट होने के लिए गिड़गिड़ा के देखे गए । गांव बास पदमका निवासी 65 वर्ष की बिरमा देवी अस्पताल अस्पताल परिसर में ही फर्श पर लेटी हुई मिन्नतें करती रही कि हे भगवान कोई तो मेरा इलाज करवा दे, या मेरे को अंदर भर्ती करवा दे । यह मामला जब पटौदी के विधायक एडवोकेट सत्य प्रकाश जरावता तथा पटौदी के एसडीएम प्रदीप कुमार के संज्ञान में आया तो उन्होंने जनहित को ध्यान में रखते हुए जल्द से जल्द समस्या के समाधान करवाने की पहल की । आउट सोर्स कर्मचारियों ने नाम नहीं लिखने की शर्त पर बताया कि पहले जो ठेकेदार था वह छोड़ गया, और अब जो नया ठेकेदार आया है वह गुजरात का है । जो कि कथित रूप से अपनी मनमानी करते हुए आउटसोर्स कर्मचारियों को विभिन्न प्रकार से परेशान कर रहा है। इन सब बातों से अलग एमएलए एडवोकेट जरावता के द्वारा नाराजगी जाहिर करते हुए कहा गया कि डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के मुताबिक स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े किसी भी कर्मचारी के द्वारा इस प्रकार की हड़ताल बंदी को सहन नहीं किया जाएगा यदि भविष्य में फिर कभी ऐसी हरकत की जाए तो उन्होंने पटौदी नागरिक अस्पताल के सीनियर मेडिकल ऑफिसर को निर्देश दिए कि इस प्रकार की हड़ताल करने वाले कर्मचारियों को बिना देरी किए सेवा से मुक्त कर नए कर्मचारियों की भर्ती की जाए । आज के समय में सरकार शासन प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की प्राथमिकता कोरोना से जूझ रहे लोगों को स्वस्थ होने के लिए स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाना प्राथमिकता में शामिल है। Post navigation बेड और ऑक्सीजन की नहीं कोई कमी: एसएमओ नीरू पर्याप्त चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाना प्राथमिकता: जरावता