स्वास्थ्य विभाग की दोहरी बाते, सरकार का उपेक्षापूर्ण रवैया, मरते लोग ! जिम्मेदार कौन ? विद्रोही

रेवाड़ी, 26 अप्रैल 2021 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश प्रवक्ता वेदप्रकाश ने आरोप लगाया कि भाजपा-जजपा खट्टर सरकार के दंभपूर्ण व उपेक्षापूर्ण व्यवहार से रविवार को विराट अस्पताल में आक्सीजन की कमी से चार कोरोना मरीजों की मौत हो गई। इस मौतों की न्यायिक जांच करके जवाबदेही तय की जाये। रेवाडी के निजी अस्पताल डाक्टर, कोरोना मरीज परिजन, सामाजिक-राजनीतिक कार्यकर्ता चीख-चीखकर भाजपा सरकार को चेता रहे थे कि रेवाडी में आक्सीजन न होने से कभी कोई गंभीर हादसा हो सकता है।

खट्टर सरकार आक्सीजन की कमी नही होने का राग अलापती रही और धरातल पर पर्याप्त आक्सीजन की व्यवस्था करने की अपनी संवैद्यानिक जिम्मेदारी से भागती रही। रेवाड़ी के विराट अस्पताल में सबसे ज्यादा कोविड मरीज भर्ती है। यह जानते हुए भी प्रशासन द्वारा समय पर आक्सीजन की व्यवस्था न करने से आखिरकार वही हो गया जिसकी आंशका रेवाड़ी के नागरिक विगत एक सप्ताह से जता रहे थे। विद्रोही ने कहा कि विराट अस्पताल के संचालक व प्रबंधक बार-बार प्रशासन से आक्सीजन की व्यवस्था की गुहार करते रहे, पर अंधे-बहरे प्रशासन ने स्थिति की गंभीरता का अनुमान नही लगाया जिसके चलते आक्सीजन की कमी के कारण चार कोविड मरीजों की अमूल्य जान चली गई। प्रशासन दावा कर रहा है कि रेवाड़ी में आक्सीजन का स्टॉक था, फिर सवाल उठता है कि जब आक्सीजन स्टॉक था तो विराट अस्पताल को गैस सिलेंडर क्यों नही दिये गए? स्वास्थ्य अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर आक्सीजन कमी होने का पहले ही निरीक्षण क्यों नही किया?

विद्रोही ने कहा कि जिला स्वास्थ्य विभाग दोहरी बाते कर रहा है। एक ओर आक्सीजन कमी नही होने की बात कहता है तो वहीं दूसरी सांस में कहता है कि रेवाड़ी में प्रतिदिन पांच मीट्रिक टन आक्सीजन गैस चाहिए जबकि हरियाणा सरकार ने रेवाड़ी का कोटा तीन मीट्रिक टन कर दिया। जब रेवाडी जिले को पांच मीट्रिक टन आक्सीजन की आवश्यकता होने के बाद भी तीन मीट्रिक टन की आक्सीजन मिलेगी तो विराट अस्पताल जैसी दुर्घटनाएं तो होगी ही। इन मौतों के लिए सीधे तौर पर हरियाणा सरकार का उपेक्षापूर्ण रवैया जिम्मेदार है। विद्रोही ने मांग की कि आक्सीजन की कमी से विराट अस्पताल में मृत्यु का शिकार बने सभी चार व्यक्तियों के परिवारजनों को हरियाणा सरकार प्रति व्यक्ति 25-25 लाख रूपये का मुआवजा दे।

विद्रोही ने मृतकों के परिवारजनों के प्रति गहरी शोक संवेदना प्रकट करते हुए मुख्यमंत्री से मांग कि जुमलेबाजी करने की बजाय रेवाड़ी सहित पूरे हरियाणा में पर्याप्त आक्सीजन उपलब्ध करवाई जाये व ऐसी व्यवस्था कीे जाये कि हर जिले की मांग अनुसार न्यूनतम तीन दिन की आक्सीजन जिला प्रशासन के पास एडवांस स्टॉक में रहे ताकि विराट अस्पताल जैसी दुर्घटना में किसी कोरोना मरीज को आक्सीजन की कमी से मरना न पड़े। विद्रोही ने इन मौतों पर लीपापोती करने की बजाय इसकी न्यायिक जांच करवाने की मांग करते हुए दोषी अधिकारियों को दंडित करने की मांग की। 

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