भारत सारथी/ऋषि प्रकाश कौशिक

गुरुग्राम। कोरोना की दूसरी लहर ने गुरुग्राम को अस्त-व्यस्त कर दिया है। न मरीजों के लिए अस्पताल में बैड हैं, ऑक्सीजन और दवाओं की परेशानी से जूझ रहा है गुरुग्राम। कालाबाजारी ऐसे समय में बढ़ ही जाती है। गुरुग्राम के नागरिकों में कुछ हताशा सी भरने लगी है, किंतु शासन और प्रशासन के कार्य देखते हुए पूर्ण आशा जागृत हो रही है कि कोरोना से लड़ पाएगा गुरुग्राम।

मेहनत करने वालों की कभी हार नहीं होती। यही ऊक्ति याद आती है आज शासन और प्रशासन के कार्य देखकर। मुख्यमंत्री स्वयं गुरुग्राम पर नजर रखे हुए हैं। कल भी मुख्यमंत्री कार्यालय से गुरुग्राम में फोन कर विश्वासपात्र लोगों से गुरुग्राम की स्थिति की जायजा लिया। आज मुख्यमंत्री ने नियम बना लिया कि 50 प्रतिशत बैड निजी अस्पतालों की भी कोविड के लिए प्रयोग में आएंगे। इसी प्रकार कल मुख्यमंत्री के उडऩ दस्ते ने ऑक्सीजन की ब्लैक करने वाले लोगों को भी पकड़ा।

आज एसीएस टीसी गुप्ता ने चंडीगढ़ से ही यहां के अधिकारियों से गुरुग्राम की स्थिति की जायजा लिया। अधिकारियों में जीएमडीए के कार्यकारी अध्यक्ष सुधीर राजपाल, उपायुक्त यश गर्ग, सीएमओ विरेंद्र यादव एवं निगमायुक्त विनय प्रताप सिंह और अतिरिक्त उपायुक्त प्रशांत पंवार आदि थे।

इस टीम में एसीएस टीसी गुप्ता गुरुग्राम को बहुत भली प्रकार जानते हैं और सुधीर राजपाल अनुभवी भी हैं और लक्ष्य प्राप्ति की दृढ़ इच्छाशक्ति रखते हैं। मैंने उनका दुस्साहस 2005 के होंडा कांड में देखा था। इस मजबूती से उन्होंने उस समय शहर में व्यवस्था में बनाकर रखी थी, वह काबिले तारीफ थी। यह दिगर बात है कि उन्हें इसका पारितोषिक मिलने की बजाय सजा ही प्राप्त हुई थी। इसी प्रकार उपायुक्त यश गर्ग हैं, अनुभव भी है, योग्यता भी है, वह पिछले कुछ समय में गुरुग्राम वालों को दिख गया है। अतिरिक्त उपायुक्त प्रशांत पंवार भी मेहनत से अपने लक्ष्य के प्रति दिलो-जान से लगे रहते हैं। सीएमओ वीरेंद्र यादव भी युवा हैं। कुछ परिस्थितियों के कारण लक्ष्य प्राप्ति में कमियां रही हैं लेकिन लक्ष्य प्राप्ति की प्रबल इच्छा है। हां, निगमायुक्त के बारे में मैं कुछ कह नहीं पाउंगा। वैसे भी इतनी अच्छी टीम में एक आदमी ढीला भी हो तो अन्य उसे संभाल लेंगे।

इस टीम ने युद्धस्तर पर कार्य आरंभ कर दिया है। ऑक्सीजन मंगाने की प्रक्रिया तेजी से चल रही है। कालाबाजारियों पर अंकुश लगाने का प्लान तैयार है। अस्पतालों में व्यवस्था पर पूरा ध्यान दिया जा रहा है। कुछ अस्पतालों में बैडों की संख्या बढ़ा दी गई है और आशा करते हैं कि कल से मरीजों को बैड की उपलब्धता में कोई कमी नहीं आएगी।

यह तो हुई टीम की बात। टीम के पीछे मुख्यमंत्री स्वयं खड़े हैं और मुख्यमंत्री के मीडिया सचिव विनोद मेहता भी गुरुग्राम के निवासी हैं और पत्रकार होने के नाते गुरुग्राम की हर स्थिति पर उनकी नजर है। अनुभव की उनमें भी कोई कमी नहीं है। अत: कह सकते हैं कि अनुभव और युवाओं का यह संगम गुरुग्राम को बहुत जल्द सामान्य हालात में लाने में सफल होगा, क्योंकि मेरा मानना है कि ऐसी कोई समस्या दुनिया में नहीं जिसे सच्चे प्रयास और शांत मन से प्रयास किया जाए तो दूर नहीं हो। अत: हमें आशानुरूप होना चाहिए

मैं अपनी ओर से इस टीम का ध्यान गुरुग्राम के वातावरण की ओर दिलाना चाहूंगा। मेरे विचार में गुरुग्राम और फरीदाबाद में सबसे अधिक मरीज मिलने का कारण यहां की हवा दूषित होना भी हो सकता है, क्योंकि इन दोनों शहरों का विशेषकर गुरुग्राम का एक्यूआई (एयर क्वालिटी इंडैक्स) सदा ही खतरनाक स्तर पर होता है, जिससे यहां के नागरिकों की इम्युनिटी घट जाती है और घटी हुई इम्युनिटी पर ही कोई भी बीमारी विशेषकर कोरोना जल्दी मार करता है और शायद यही कारण है कि यहां कोरोना पीडि़तों की संख्या सर्वाधिक है। अत: प्रार्थना है कि यह टीम इस ओर से भी ध्यान दे।