भर्ती करने से पहले निजी अस्पताल पूछ रहे हैं कि हैल्थ इंश्योरेंस है या नहीं
कुछ निजी लैब वसूल रही हैं मनमर्जी टेस्ट फीस

गुडग़ांव, 24 अप्रैल (अशोक): कोरोना महामारी का प्रकोप फैलता ही जा रहा है। दिन-प्रतिदिन कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ती ही जा रही है।
हालांकि प्रदेश सरकार व जिला प्रशासन कोरोना को नियंत्रित करने के लिए वह सब कर रहा है, जो जरुरी है। पर्याप्त संख्या में अस्पतालों में बैड की व्यवस्था भी की गई है, लेकिन कोरोना संक्रमितों की अधिक संख्या हो जाने के कारण उपलब्ध कराए गए बैड भी कम पड़ते दिखाई दे रहे हैं। गुडग़ांव के निजी व सरकारी अस्पतालों में कोरोना संक्रमितों के लिए बैड कम पड़ गए हैं।

निजी अस्पतालों में कोरोना का उपचार कराने के लिए पहुंचने वाले मरीजों व उनके तीमारदारों से पूछा जाता है कि उनका हैल्थ इंश्योरेंस है या नहीं। भुक्तभोगियों का कहना है कि यदि किसी का हैल्थ इंश्योरेंस होता है तो उसको भर्ती कर लिया जाता है, लेकिन हैल्थ इंश्योरेंस के अभाव में गंभीर रुप से पीडि़त कोरोना संक्रमित भर्ती होने से वंचित रह जाते हैं। भुक्तभोगियों का कहना है कि मरीज को अस्पताल पहुंचाने से पहले उसके इंश्योरेंस का विवरण भेजने को कहा जाता है। लोग बहुत परेशान दिखाई दे रहे हैं। उधर ऑक्सीजन न मिलने के कारण भी कोरोना संक्रमितों को बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। आरटीपीसीआर टेस्ट शुल्क भी मनमर्जी से कुछ निजी लैब वसूल रही हैं। यदि उनसे कहा जाता है कि सरकार ने टेस्ट फीस निर्धारित की हुई है लेकिन वे एक नहीं सुनते। जिससे परेशान होकर लोगों को बढ़ी हुई फीस का भुगतान करना पड़ रहा है। लोगों की मजबूरी का ये निजी लैब पूरा फायदा उठा रही हैं। उधर स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि उनके पास इस प्रकार की शिकायतें आती हैं तो वे इसकी जांच कराएंगे।

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