गुरुग्राम । जनसेवा एवं सांस्कृतिक चेतना मंच के अध्यक्ष रणधीर राय ने कहा है कि प्रशासन व सरकार की सतर्कता के बावजूद गुरुग्राम में कोरोना का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। स्थिति यह है कि गंभीर रूप से कोरोना संक्रमित मरीजों का गुरुग्राम के अस्पतालों में दाखिला नहीं मिल पा रहा है। अस्पताल जाने पर कहा जाता है कि यहां बेड नहीं है। ऑक्सिजन का संकट अलग बना हुआ है। ऐसे में लोग जाएं तो कहां जाएं?

कोरोना महामारी के तेजी से बढ़ रहे प्रकोप पर चिंता व्यक्त करते हुए रणधीर राय ने कहा कि इस संकट की घड़ी में संक्रमित मरीजों को सहयोग और संबल की जरूरत है। मंच के माध्यम से मैं हरियाणा सरकार, प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग से विनम्र आग्रह कर रहा हूं कि इस समय संक्रमित मरीजों को पूर्ण सहयोग प्रदान किया जाए। रणधीर राय ने कहा कि गुरुग्राम में देखने को मिल रहा है कि प्रवासी नागरिकों के साथ आर्थिक रूप से कमजोर स्थानीय नागरिकों को भी अपने परिवार के कोरोना संक्रमित सदस्यों को अस्पतालों में दाखिल कराने और ऑक्सीजन की आपूर्ति प्राप्त करने के लिए घोर परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। मंच को इस तरह की परेशानियों से संबंधित सैकड़ों नागरिकों के फोन आ चुके हैं और लगातार यह क्रम जारी है। मंच के माध्यम से किसी न किसी तरह सरकारी और निजी अस्पतालों में संपर्क स्थापित कर काफी मरीजों को भर्ती कराने के साथ ऑक्सीजन की उपलब्धता भी सुनिश्चित कराई जा रही है। रणधीर राय ने आग्रह करते हुए कहा कि सरकार इस मामले को संवेदनशीलता के साथ ले और सभी संक्रमित मरीजों का सुलभ इलाज और उन्हें ऑक्सीजन उपलब्ध कराने का ठोस प्रबंध करे। 

रणधीर राय ने कहा कि यह समय अकाल जैसा है। इस घड़ी में सबका दायित्व और कर्तव्य बनता है कि किसी न किसी तरह से कोरोना संक्रमितों का सहयोग कर उनके जीवन की रक्षा की जाए। उन्होंने यह भी कहा कि देखने को मिल रहा है कि आर्थिक परेशानियों और संक्रमण की भयावहता और रोजगार छीनने की चिंता को लेकर प्रवासी नागरिकों का पलायन एक बार पुन: शुरू हो चुका है। यह स्थिति जहां प्रवासी नागरिकों के रोजगार पर संकट की है, वहीं उनके घर वापसी से उनका जीवन भी खतरे में है क्योंकि दुव्र्यवस्था और भीड़ भाड़ में यात्रा करने की स्थिति में वे संक्रमण की चपेट में भी आ सकते हैं। इसलिए जन सेवा एवं सांस्कृतिक चेतना मंच सरकार से विनम्र आग्रह करता है कि प्रवासी नागरिकों के पलायन को रोकने के लिए उन्हें ठोस भरोसा दिया जाए, उनके रोजी रोजगार की भी चिंता की जाए और यह भी सुनिश्चित किया जाए कि इस महामारी से उनका जीवन सुरक्षित रह सके।

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