हरियाणा कांग्रेस के पूर्व विधायक प्रदीप चौधरी को बड़ी राहत

पंचकूला 19 अप्रैल। हरियाणा कांग्रेस के पूर्व विधायक प्रदीप चौधरी को हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। प्रदीप चौधरी केस में हाईकोर्ट ने स्टे लगा दिया है। सोलन की अदालत ने प्रदीप चौधरी को दोषी ठहराते हुए तीन साल की सजा सुनाई थी। हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले की कोर्ट ने विधायक प्रदीप चौधरी को तीन साल की सजा सुनाई है। विधायक समेत 15 आरोपियों को कोर्ट ने तीन-तीन साल की सजा और 85-85 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। जानकारी के अनुसार, नालागढ़ की पी जितेंदर कुमार की अदालत ने सभी दोषियों को तीन-तीन साल की सजा और 85-85 हजार रुपये जुर्माना लगाया था। सहायक जिला न्यायवादी गौरव अग्रिहोत्री ने बताया कि 31 मई 2011 को थाना बरोटीवाना में ट्रैफिक चैकिंग के दौरान सुना सिंह निवासी पप्सोहा पुलिस को देखकर बचने के दौरान बिजली ट्रांसफार्मर की तारों की चपेट में आ गया था। युवक की इलाज के दौरान पीजीआई चंडीगढ़ में मौत हो गई थी। इस फैसले के आने के बाद हरियाणा विधानसभा के स्पीकर ज्ञान चंद गुप्ता ने तत्कालीन कालका विधायक प्रदीप चौधरी की सदस्यता रद्द कर दी थी और कालका सीट को खाली घोषित कर दिया गया था।

पिछले चुनाव में हारे हुए या लंबे समय से बिना किसी पद के मारे मारे फिरने वाले काँग्रेस और बीजेपी के बेचारे नेता अपना भविष्य चमकाने के लिए कालका के उपचुनाव पर नजर गड़ाए हुए थे। सभी मान कर चल रहे थे कि प्रदीप चौधरी को निचली अदालत में तीन साल की सजा होने के बाद उपचुनाव निश्चित है। सभी पार्टियों के नेता अपने राजनीतिक बनवास की समाप्ति की राह खोजने लग गए थे। लेकिन सेशन कोर्ट ने निचली अदालत के फैसले पर रोक लगा दी। कालका के विधायक प्रदीप चौधरी की विधानसभा की सदस्यता बरकरार रहेगी यानी अब कोई उपचुनाव नही होगा। प्रदीप चौधरी की बर्बादी पर सपनों का महल खड़ा करने वाले नेताओं की उम्मीदों पर पानी फिर गया। उपचुनाव के रास्ते विधानसभा में पहुंचकर मंत्री पद पाने का स्वस्प्न देखने वाले बीजेपी के नेताओं में कई नाम सामने आ रहे थे।

स्पीकर ज्ञान चंद गुप्ता ने चंडीगढ़ में प्रेस कांफ्रेंस में कहा था कि कालका सीट 30 जनवरी 2021 से खाली मानी जाएगी। उन्होंने कहा कि विधायक प्रदीप चौधरी को तीन साल की सजा होने पर अयोग्य घोषित कर दिया गया है। दो साल से अधिक सजा होने पर दोषी सदस्य की संसद और विधानसभा की सदस्यता खत्म करने का प्रावधान है। प्रदीप चौधरी को एक महीने के भीतर अपील करने का समय मिला था।

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