अस्पताल में भर्ती के 5 दिन बाद महिला की मौत, कोविड संक्रमित बता शव भी नहीं दिया, पुन: कोविड जांच में नेगेटिव आई रिपोर्ट

भिवानी/धामु

 झांझड़ा बास गांव की 56 वर्षीय महिला को पहली बार बीमार होने पर 11 अप्रैल को हिसार के अस्पताल में भर्ती करवाया गया। अगले चार दिन दिनों के अंदर चिकित्सकों ने जांच में रोगी को कैंसर ग्रसित और कोरोना संक्रमित घोषित कर डाला। पांचवें दिन शव को उसके बेटे के हाथों में सौंप दिया। गांव में अंतिम संस्कार भी नहीं करने दिया। यह तो गनीमत रही कि अपनी मां को कोरोना पॉजिटिव घोषित करने पर चौकन्ने बेटे ने अपने स्तर पर पुन: कोविड जांच कराई। इस बार उसकी मां की कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आई। लेकिन रिपोर्ट आने तक प्रशासन उसकी मां का कोविड गाइडलाइन के नाम पर लोहारू में दाह संस्कार कर चुका था। अपनी मां को इस  तरह पांच दिन में ही खो देने पर बीएसएफ का यह जवान बहुत दुखी है।

बताना होगा कि 56 वर्षीय मृतका संतोष को कोविड संक्रमित मानकर उसके शव का अंतिम संस्कार कोविड गाइडलाइन अनुसार प्रशासन द्वारा लोहारू के शमशान घाट में किया गया था। इस बारे में मृतका के बेटे तसवीर की आंखें उस वक्त खुली की खुली रह गई जब उसे अपनी मां  की पुन: कोविड जांच रिपोर्ट नेगेटिव मिली। लेकिन तब तक तो शव का ही अंतिम संस्कार किया जा चुका था।

बीएसएफ श्रीनगर में तैनात जवान तसवीर ने बताया कि उनकी माता संतोष को बीमार होने पर उसे 11 अप्रैल को हिसार के एक अस्पताल में भर्ती कराया। मां का हाल-चाल जानने के लिए वह भी बीएसएफ से छुट्टी लेकर 13 अप्रैल को हिसार आ गया। अस्पताल प्रबंधकों ने उसका कैंसर इलाज शुरू कर रखा था। 13 अप्रैल की शाम 5 बजे डॉक्टरों ने मां का डायलिसिस कराया, जबकि आज तक उन्हें किडनी संबंधी कोई बीमारी थी ही नहीं। इसके बाद रात 10 बजे अस्पताल के डॉक्टरों ने ही नलवा लैब के कर्मियों को बुलाकर मां का कोविड सेंपल दिलाया। अगले ही दिन लैब ने अपनी रिपोर्ट में उसे पॉजिटिव घोषित कर डाला। इस पर रात पौने दो बजे डॉक्टरों ने उसे आईसीयू से निकालकर अस्पताल में ही बनाए गए कोविड सेंटर में डाल दिया। यहां पर एक ही कमरे में पांच-पांच कोरोना रोगी थे। संक्रमण रोकने का कहीं कोई इंतजाम नहीं था।

यहां से उन्हें शक होने लगा। क्योंकि मां को खांसी, जुकाम, बुखार आदि के कोई भी लक्षण नहीं थे, फिर भी पॉजिटिव कैसे आ गई। इस पर उन्होंने अपने स्तर भी 16 अप्रैल को मंगलम लैब के कर्मचारियों को बुलाकर मां का पुन: कोविड सेंपल दिलाया। लेकिन इसकी रिपोर्ट आने से पहले ही रात 11 बजे अस्पताल के डॉक्टरों ने मां को मृत घोषित करके शव को बेटे को भी नहीं दिखाया। बल्कि कहा कि अब शव को प्रशासन कब्जे में लेकर कोविड हिदायतों के अनुसार अपने आप ही भिवानी में अंतिम संस्कार कराएगा। इस पर तसवीर ने अस्पताल प्रबंधकों से शव का अंतिम संस्कार गांव झांझड़ा बास में ही करने देने की बहुत गुहार की। नहीं माने तो तसवीर ने लोहारू में अंतिम संस्कार करने का अनुरोध किया। इस पर अस्पताल प्रबंधन मान गया। इधर उनके पास मंगलम लैब की कोविड जांच रिपोर्ट आ गई। इसमें उसकी मां कोविड नेगेटिव दिखाई गई। इस हालत में तसवीर ने आरोप लगाए हैं कि शव के बारे में कहीं कोई भी सीसीटीवी रिकॉर्डिंग स्वजनों को नहीं दी जाती है जिससे स्वजन संतुष्ट हो सकें। बाद में शव को देखना तो दूर बल्कि छूने भी नहीं दिया जाता है।

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