-एनजीटी कोर्ट के आदेश लागू नही करने पर दी आंदोलन की चेतावनी

भारत सारथीी/ कौशिक

नारनौल। स्टोन क्रेशरों व पर्यावरण प्रदूषण के विरोध में धोलेड़ा क्रेशर जॉन क्षेत्र के ग्रामीणों ने सोमवार को नारनौल शहर में भारी संख्या में विरोध प्रदर्शन किया। बाद में ग्रामीणों ने लघु सचिवालय में नायब तहसीलदार को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा।

 गौरतलब है कि जिला महेंद्रगढ़ के स्टोन क्रेशरों के खिलाफ  इंजीनियर तेजपाल यादव ने एनजीटी में  पर्यावरण प्रदूषण के खिलाफ एक याचिका लगाई थी। जिस पर एनजीटी कोर्ट ने जिले  के 72 अवैध स्टोन क्रेशरों को तत्काल बंद करने के आदेश दिए थे। अधिकारियों की ढिलाई की वजह से इस आदेश को लागू नहीं किया गया। इस मामले को लेकर स्टोन  क्रेशर संचालक सुप्रीम कोर्ट भी गए। सुप्रीम कोर्ट ने 2 नवंबर 2020 को इस केस को वापस एनजीटी को ट्रांसफर कर दिया गया। जिस पर 3 दिसंबर 2020 को एनजीटी ने 72 स्टोन क्रेशरों क़ो तुरन्त बंद करने व इस मामले से संबन्धित तमाम भ्रष्ट अधिकारियों पर हरियाणा के चीफ सेक्रेटरी क़ो कार्रवाई करने के अपने पिछले आदेश को यथावत लागू करने के आदेश दिए। इसके साथ ही  ज़िले के सभी क्रेशर प्रभावित ग्रामीणों के स्वास्थ्य की जांच के आदेश नारनौल प्रशासन व हरियाणा प्रदूषण नियन्त्रण विभाग को दिए। 

इंजी तेजपाल यादव नें कहा की 4 महीने बीत जाने के बावजूद भी अभी तक एनजीटी कोर्ट के आदेशों पर कोई भी जमीनी कार्रवाई नजर नहीं आ रही है। क्षेत्र के हजारों लोग आज भी स्टोन क्रेशरों की उड़ती भारी धूल, भयंकर पर्यावरण प्रदूषण व बीमारियों से घुट-घुट कर मरने को मजबूर हैं। उन्होंने कहा कि बुजुर्ग, महिलाएं व बच्चे टीबी, सिल्कॉसिस, चर्म रोग, दमा, अस्थमा, , एलर्जी और अनेक बीमारियों से ग्रसित होते जा रहे हैं। स्टोन क्रेशरों से उड़ती धूल की वजह से यहां के पेड़ पौधे, हरे की बजाय सफेद दिखाई देने लगे हैं व यहां की कृषि योग्य भूमि धीरे-धीरे तबाह होती जा रही है। क्रेशर जॉन क्षेत्र के धोलेडा, बिगोपुर व आसपास के गांवों के रहने वाले सैकड़ों परिवार परेशान होकर गांव छोड़कर शहर जाकर बस चुके हैं। उन्होंने कहा कि अगर प्रशासन ने एनजीटी कोर्ट के आदेश को लागू नहीं किया तो उन्हें बड़ा आंदोलन करने पर मजबूर होना पड़ेगा।

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