पटौदी के नागरिक अस्पताल में कार्यशाला, अध्यक्षता डॉ नीरू ने की.
कार्यशाला में एसजीटी यूनिवर्सिटी के नर्सिंग कॉलेज के स्टाफ मौजूद

फतह सिंह उजाला

पटौदी । नवजात शिशु की देखभाल एवं पुनर्जीवन के विषय को लेकर एक कार्यशाला का आयोजन पटौदी के नागरिक अस्पताल मैं किया गया । इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य एसजीटी यूनिवर्सिटी के नर्सिंग कॉलेज के सामुदायिक स्वास्थ्य नर्सिंग विभाग के समस्त स्टॉफ को नवजात शिशु के जन्म के बाद पेश आने वाली जटिलताओं को किस प्रकार से हैंडल किया जाए, इसी विषय में विस्तार से बताया जाना था। विश्व स्वास्थ्य दिवस के उपलक्ष पर शुक्रवार को आयोजित इस एक दिवसीय विशेष कार्यशाला के मौके पर एसजीटी यूनिवर्सिटी नर्सिंग विभाग के एच ओ डी सुनील कुमार दुलार, असिस्टेंट प्रोफेसर रेखा छिल्लर और मनीषा सेमवाल विशेष रुप से मौजूद रहे ।

इस मौके पर पटौदी नागरिक अस्पताल एसएमओ नीरू यादव के द्वारा नवजात शिशु की डमी अथवा पुतले के माध्यम से कार्यशाला में मौजूद सभी नर्सिंग स्टाफ, सी एच ओ ,एएनएम तथा नर्सिंग ऑफिसर को प्रैक्टिकल करवाने के साथ-साथ स्लाइड के माध्यम से गर्भ काल से लेकर शिशु के जन्म लेने तक की प्रक्रिया और शिशु के जन्म लेने के उपरांत अचानक आने वाली परेशानियों को किस प्रकार से हैंडल किया जाए , इस विषय में ट्रेनिंग दी गई । इसी मौके पर एसएमओ डॉक्टर नीरू यादव ने कार्यशाला में मौजूद नर्सिंग स्टाफ एवं चिकित्सकों से यह भी सवाल किया कि प्रधानमंत्री मातृत्व दिवस की तिथि प्रत्येक माह की 9 तारीख की क्यों तय की गई है ? इसके साथ ही उन्होंने गर्भ काल से लेकर शिशु के जन्म लेने तक विभिन्न प्रकार के सवाल भी पूछे । इसके विषय में कार्यशाला में मौजूद नर्सिंग स्टाफ और अंडर ट्रेनी डॉक्टर्स के द्वारा संतोषजनक तरीके से जवाब देते हुए अपने अनुभवों को सांझा किया गया ।

डॉक्टर नीरू यादव ने बताया की गर्भ काल से लेकर शिशु के जन्म लेने तक 9 माह का समय गर्भवती और गर्भ में पल रहे शिशु के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। इसके साथ ही शिशु के प्रसव लेने के दौरान प्रसव करवाने वाले डॉक्टर्स की जिम्मेदारी और भी अधिक महत्वपूर्ण हो जाती है । प्राथमिकता इसी बात को दी जाती है कि प्रसूता और नवजात शिशु दोनों स्वस्थ और सुरक्षित ही रहे । इस मौके पर एसजीटी यूनिवर्सिटी नर्सिंग कॉलेज के असिस्टेंट प्रोफेसर समीक्षा भारद्वाज के साथ साथ पटोदी नागरिक अस्पताल के अन्य स्वास्थ्य स्टाफ और अधिकारी भी मौजूद रहे । कार्यशाला में मौजूद सभी स्वास्थ्य कर्मियों, अधिकारियों, सी एच ओ, एएनएम के द्वारा नवजात शिशु की देखभाल और पुर्नजीवन पर आधारित इस कार्यशाला को बेहद ज्ञानवर्धक और उपयोगी बताया।