चंडीगढ़, 8 अप्रैल- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि पानी का हमारे जीवन में महत्वपूर्ण स्थान है और पानी की हर बूंद को बचाने तथा इसके उचित प्रबंधन के लिए राज्य सरकार ने एक द्विवार्षिक योजना तैयार की है, जिसका उद्देश्य पानी का उपयोग और उपचारित पानी का पुन: उपयोग सुनिश्चित करना है। ‘‘जल प्रबंधन से संबंधित इन सभी कार्यों को एक मिशन मोड पर किया जाए। प्रत्येक विभाग को इस सिद्धांत से कार्य करने की आवश्यकता है कि लोगों को पीने का पानी प्रदान करना जितना जरूरी है उतना ही पानी का उचित प्रबंधन सुनिश्चित करना भी महत्वपूर्ण है। इसलिए, ग्रे-वॉटर मैनेजमेंट को प्राथमिकता के आधार पर किया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री आज यहां वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी उपायुक्तों और अधिकारियों के साथ शिवधाम नवीनीकरण योजना और ग्रे वाटर मैनेजमेंट की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक में उप मुख्यमंत्री श्री दुष्यंत चौटाला और कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री जे.पी. दलाल भी उपस्थित थे। उल्लेखनीय है कि हर सप्ताह वीरवार के दिन सभी जिला उपायुक्तों के साथ संवाद के मकसद से इस तरह की बैठक शुरू की गई है ताकि विकास के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की जा सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन में ग्रे-वॉटर प्रबंधन पर विशेष बल दिया गया है। हरियाणा के सभी गाँवों में ग्रे-वॉटर प्रबंधन की आवश्यकता है, इसलिए सभी संबंधित अधिकारी और उपायुक्त ग्रे-वॉटर प्रबंधन हेतु परियोजनाएं तैयार कर 30 जून, 2021 तक प्रस्ताव भेजें। उन्होंने कहा कि ऐसी सभी परियोजनाओं को ग्राम पंचायत विकास योजना (जीपीडीपी) में दर्शाया जाना चाहिए। इसके अलावा, संबंधित विभागों के साथ तालमेल करके ग्राम पंचायतवार परियोजनाएं तैयार की जाएं। परियोजनाएं तैयार करते समय यह सुनिश्चित किया जाए कि कोई बड़ा गांव न छूटे। मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिए कि कृषि, बागवानी विभाग, स्कूलों और उद्योगों के साथ नियमित बैठकें की जाएं और यह सुनिश्चित किया जाए इन सभी स्थानों पर जहां भी पानी की आवश्यकता है वहां केवल उपचारित पानी का ही उपयोग किया जाए। मुख्यमंत्री ने शिवधाम नवीनीकरण योजना के बारे में उपायुक्तों को निर्देश देते हुए कहा कि परियोजनाओं में लोगों की कम से कम 50 फीसदी भागीदारी के साथ शमशान घाटों /कब्रिस्तान में किए जाने वाले कार्यों को पूरा करवाएं। उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं के लिए ग्राम पंचायत के वित्त पोषण, सीएसआर या अन्य माध्यम से जनता की भागीदारी सुनिश्चित की जा सकती है। श्री मनोहर लाल ने उपायुक्तों को निर्देश दिए कि चल रहे कार्यों को जल्द पूरा किया जाए और शेष कार्यों के अनुमान बनाकर जल्द मुख्यालय को भेजे जाएं। उन्होंने उपायुक्तों को शिवधाम नवीनीकरण योजना के तहत कार्यों को पूरा करने के लिए जिला खनिज निधि (खान और भूविज्ञान विभाग) का उपयोग करने की संभावना तलाशने के भी निर्देश दिए। बैठक में मुख्य सचिव श्री विजय वर्धन, मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव श्री डी. एस. ढेसी, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव और वित्त आयुक्त श्री संजीव कौशल, बिजली विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री पी. के. दास, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रीमती धीरा खंडेलवाल, खान एवं भूविज्ञान विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री टी. सी. गुप्ता, विकास एवं पंचायत विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री अमित झा, शहरी स्थानीय निकाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री एस. एन. रॉय, वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री टी. वी.एस. एन. प्रसाद, स्कूल शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री महावीर सिंह, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा, कौशल विकास और औद्योगिक प्रशिक्षण विकास विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री राजा शेखर वुंडरू, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री वी. उमाशंकर, उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के प्रधान सचिव श्री विजयेंद्र कुमार, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव और सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग के महानिदेशक डॉ. अमित अग्रवाल, मुख्यमंत्री की उप प्रधान सचिव श्रीमती आशिमा बराड़ सहित राज्य के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। Post navigation प्रदेश के अर्ध सैनिक बलों के शहीद जवानों के नाम जिला शहीदी स्मारकों पर लिखे जाएं :औम प्रकाश यादव सरकार को किसानों के साथ-साथ आढ़तियों के माध्यम से भुगतान का विकल्प करना चाहिए – बजरंग गर्ग