– नगर निगम गुरूग्राम, आरटीए तथा पुलिस विभाग के अधिकारियों ने ऑटो यूनियन तथा ऑटो चालकों के साथ की परिचर्चा
– स्वतंत्रता सेनानी जिला परिषद भवन में प्रोजैक्ट परिवर्तन के तहत ई-व्हीकल अपनाने के बारे में किया गया प्रेरित

गुरूग्राम, 7 अप्रैल। गुरूग्राम को प्रदूषण मुक्त बेहतर शहर बनाने की दिशा में प्रोजैक्ट परिवर्तन के तहत ई-व्हीकल अपनाने की दिशा में कार्य शुरू कर दिया गया है। इसके तहत नगर निगम गुरूग्राम, आरटीए तथा पुलिस विभाग के अधिकारियों ने ऑटो यूनियन तथा ऑटो चालकों के साथ एक विशेष परिचर्चा की। स्थानीय स्वतंत्रता सेनानी जिला परिषद भवन में आयोजित परिचर्चा में दस साल पुराने डीजल ऑटो को ई-व्हीकल में बदलने की दिशा में ऑटो चालकों एवं यूनियन को जानकारी दी गई।

परिचर्चा में ऑटो यूनियन के प्रतिनिधियों तथा ऑटो चालकों को संबोधित करते हुए नगर निगम गुरूग्राम की अतिरिक्त आयुक्त-4 जसप्रीत कौर ने कहा कि पर्यावरण प्रदूषण एक गंभीर समस्या है। इस समस्या के समाधान के लिए समय-समय पर शॉर्ट टर्म उपाय किए जा रहे हैं, लेकिन लोंग टर्म उपाय बहुत ही जरूरी है। उन्होंने कहा कि सभी उच्च अथॉरिटीज ने डीजल ऑटो के स्थान पर ई-ऑटो व ई-रिक्शा चलाने का सुझाव दिया है। हरियाणा के मुख्यमंत्री ने भी गुरूग्राम में पर्यावरण प्रदूषण की गंभीर समस्या को गंभीरता से लेते हुए पिछले बजट भाषण में ई-व्हीकल को शुरू करने की घोषणा की थी। नगर निगम गुरूग्राम द्वारा इस वर्ष 2000 ई-वाहनों को लागू करने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि आप सभी के सहयोग से ही हम इसे लागू करेंगे तथा गुरूग्राम को प्रदूषण मुक्त बेहतर शहर बनाने में सफल होंगे। उन्होंने कहा कि डीजल ऑटो के स्थान पर ई-रिक्शा लेने वालों को 30 हजार रूपए की अनुदान राशि कंसेशनियर के माध्यम से दी जाएगी, बशर्ते उन्हें अपना ई-रिक्शा सरकारी विभाग द्वारा अधिकृत एजेंसी के पास स्क्रैप करवाना होगा। इसके अलावा, फाईनांस करवाने में भी सरकार एवं प्रशासन द्वारा पूर्ण सहयोग किया जाएगा।

आरटीए सचिव धारणा यादव ने कहा कि समय के हिसाब से यातायात में बदलाव जरूरी है तथा इससे सभी को फायदा होता है। उन्होंने कहा कि प्रथम चरण में 10 वर्ष से पुराने डीजल ऑटो को ई-रिक्शा या ई-ऑटो में बदला जाएगा। इसके तहत सभी के हितों का ध्यान रखा जाएगा। उन्होंने बताया कि ई-रिक्श या ई-ऑटो के रख-रखाव कम है तथा तकनीक बेहतर है। गुरूग्राम में चार्जिंग स्टेशनों का प्रावधान इस योजना के तहत किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत सरकार एवं प्रशासन हर संभव मदद करेगा। ई-रिक्शा का पंजीकरण प्रमाण-पत्र 72 घंटे के अंदर जारी किया जाएगा। उन्होंने बताया कि रिकार्ड के अनुसार गुरूग्राम में 10 वर्ष पुरानी अवधि के लगभग 12 हजार डीजल ऑटो हैं, जिन्हें प्रथम चरण में बदला जाएगा। ऑटो यूनियन द्वारा किए गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि 10 वर्ष पहले जब सीएनजी का विकल्प आया था, उस यम भी लोगों को शंकाएं थी। उन्होंने कहा कि आने वाला समय इलैक्ट्रिक व्हीकल का है। यूरोप व यूएसए सहित विकसित देशों में ई-व्हीकल को तवज्जो दी जा रही है तथा दुनिया में बदलाव आ रहा है। लोग भी ई-व्हीकल के इस्तेमाल को पंसद कर रहे हैं।

परिचर्चा में स्मार्ट-ई के चेयरमैन प्लास चौधरी एवं सीईओ गोल्डी श्रीवास्तव ने बताया कि गुरूग्राम को मिलेनियम सिटी के नाम से जाना जाता है। स्मार्ट ई पिछले 5 वर्षों से गुरूग्राम में काम कर रही है तथा हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल द्वारा 5 वर्ष पूर्व 50 ई-रिक्शा की शुरूआत की थी, जो अब 500 से भी अधिक हो गई है। उन्होंने कहा कि ई-व्हीकल के संचालन, रख-रखाव का खर्च अन्य व्हीकल की तुलना में बहुत ही कम है। यह एक बार चार्ज करके 120 से 130 किलोमीटर तक चल सकता है। उन्होंने बताया कि गुरूग्राम में उद्योग विहार, गोल्फ कोर्स रोड़, सिटी सैंटर व साऊथ सिटी आदि स्थानों पर चार्जिंग प्वाईंट हैं जो अन्य स्थानों पर जरूरत अनुसार बढ़ाए जाएंगे।

कार्यक्रम में नगर निगम गुरूग्राम के चीफ इंजीनियर ठाकूरलाल शर्मा, एसीपी टै्रफिक रमेश अहलावत ने भी अपने विचार रखे। इस मौके पर नगर निगम गुरूग्राम के एसई विजय ढ़ाका व कार्यकारी अभियंता देवेन्द्र भड़ाना सहित विभिन्न ऑटो यूनियनों के प्रतिनिधि एवं ऑटो चालक उपस्थित थे। बैठक में ऑटो यूनियन के प्रतिनिधियों द्वारा किए गए सवालों के जवाब दिए गए तथा उनकी शंकाओं को दूर किया गया। ऑटो यूनियन प्रतिनिधियों को ट्रायल आधार पर ई-ऑटो उपलब्ध करवाने की बात भी कही गई।