विद्रोही ने मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर से मांग की कि मनेठी एम्स के लिए माजरा-भालखी की जमीन वे कब अधिग्रहित करेंगे और सरकार द्वारा जिन शर्तो पर जमीन लेने पर किसानों ने सहमति दी है, उन शर्तो को मुख्यमंत्री मंजूरी देकर तत्काल सार्वजनिक करे रेवाड़़ी,3 अप्रैल 2021 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश प्रवक्ता वेदप्रकाश ने मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर से पूछा कि मनेठी एम्स निर्माण के लिए माजरा के किसानों ने जिला प्रशासन रेवाड़़ी द्वारा तैयार किये गए जमीन अधिग्रहण सहमति पत्र पर हस्ताक्षर करने के बाद भी जमीन को भाजपा-जजपा सरकार कब तक अधिग्रहण करेगीे और एम्स निर्माण किस तिथि से शुरू होगा? विद्रोही ने कहा कि विगत छह सालों से मनेठीे एम्स का मुद्दा फुटबाल बना हुआ है। लोकसभा चुनाव से ठीक पूर्व 28 फरवरी 2019 को केबिनेट द्वारा 1299 करोड़ रूपये की लागत से बनने वाले मनेठी एम्स को मंजूरी देने के दो साल बाद भी एम्स के लिए हरियाणा सरकार ने जमीन अधिग्रहण तक नही की है। विगत दो सालों से विभिन्न कारणों से जमीन अधिग्रहण मुद्दे को लटकाकर फुटबाल समझकर मनमानी कीक मारी जा रही है। लगभग एक वर्ष पूर्व माजरा-भालखी के किसान एम्स के लए जमीन देने को तैयार हो गए थे, पर मुआवजे को लेकर विवाद बना रहा। विद्रोही ने कहा कि अब तो एक पखवाड़ा पूर्व जिला प्रशासन रेवाड़ी व माजरा-भालखी के किसानों की बनी सहमति के अनुसार जमीन देने के लिए जो अनुबंध पत्र भाजपा सरकार ने बनाया था, उस अनुबंध सहमति पत्र पर माजरा-भालखी के किसानों ने उदार रवैया अपनाकर हस्ताक्षर करके सरकारी शर्तो अनुसार मनेठी एम्स के लिए जमीन देने की सहमति देने के बाद भी जमीन अधिग्रहण मुद्दे पर भाजपा सरकार मौन है। विद्रोही ने मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर से मांग की कि मनेठी एम्स के लिए माजरा-भालखी की जमीन वे कब अधिग्रहित करेंगे और सरकार द्वारा जिन शर्तो पर जमीन लेने पर किसानों ने सहमति दी है, उन शर्तो को मुख्यमंत्री मंजूरी देकर तत्काल सार्वजनिक करे ताकि फिर व्यर्थ का अड़ंगा सरकार की ओर से न लगे। अब सरकार को मनेठी एम्स निर्माण के लए माजरा-भालखी की जमीन अधिग्रहण करने में एक क्षण की भी देरी किये बिना जमीन अधिग्रहण करके एम्स निर्माण के लिए अन्य आवश्यक कानूनी औपचारिकताएं पूरी करके तीन माह के अंदर-अंदर एम्स निर्माण कार्य शुरू कर देना चाहिए। Post navigation भारत बंद के दौरान शहीद हुए दलित क्रांतिकारीयो को श्रद्धांजलि अर्पित की राकेश टिकैत के काफिले पर हमले को किसानों से टकराव बढ़ाने का षडयंत्र बताया विद्रोही ने