भिवानी/मुकेश वत्स  

गांव प्रेमनगर में चल रहे मेडिकल कालेज का निर्माण प्रेमनगर ही पूरा करवाने एवं चौधरी बंसीलाल विश्वविद्यालय में प्रेमनगर वासियों एवं बवानीखेड़ा वासियों के लिए नौकरियों एवं शैक्षणिक सीटों पर आरक्षण लागू करवाने के लिए धरने को 91 दिन हो गये हैं। इस बीच मुख्यमंत्री से भी बातचीत हो चुकी है। अब दूसरी तरफ इस देश की पूरी व्यवस्था पर कब्जा किए हुए बड़े पूंजीपति लोग हैं। हमारा आंदोलन ग्रामीण क्षेत्र की समृद्धि , ग्रामीण अंच ल की खुशी एवं प्रगति व जनता के स्वास्थ्य एवं जिला की उपलब्धता के लिए जनहित में समर्पित है।

दूसरी तरफ सत्ता में बैठे लोग हैं, जिन्होंने कभी भी जनता को उनके हक नहीं लेने दिए गए। इसी पूंजीवादी व्यवस्था एवं राजनीतिक लोगों की चालों के कारण यह मेडिकल कालेज भिवानी शहर के उस भीड़ भाड़ वाली लगह पर बनाया जा रहा है। जहां पर उन पूंजीपति लोगों के अनेकों दुकानें एवं संस्थान हैं। ये लोग इस मेडिक कालेज को अपने व्यापार के रूप में देख रहे हैं। इनको इस बात से कोई मतलब नहीं कि इससे एक तोर भिवानी का सिविल अस्पताल का अस्तित्व खत्म हो रहा है तथा दूसरा इस मेडिकल कालेज से आम जन को कितनी परेशानी होगी। जहां हमेशा जाम लगा रहता है। जहां पर मरीज का पहुंचना दुविधा भरा होगा। जहां के लिए वर्ष 2014 व 2017 की प्रशासनिक रिपोर्ट भी नकार चुकी है। वहां पर केवल अपने फायदे के लिए मेडिकल बनाया जा रहा है।

प्रेमनगर के मेडिकल कालेज के लिए प्रेमनगर से सरकार 31 एकड ज़मीन का कांट्रेक्ट मेडिकल कालेज बनवाने के लिए करती है 2017 में और आज कह रही है कि चार सात बाद कि हम यहां मेडिकल कालेज नहीं बनाऐंगे तथा अब यह जमीन भी सरकार की है। सरकार जो चाहेगी वो बनाएगी। इस प्रकार से किसान आंदोलन के द्वारा हमारे देश के किसान जो शंका जाहिर कर रहे हैं कि वे पूंजीवादी लोग हमारी जमीनों को हम से छीन लेंगे तो हमारा यह आंदोलन इस बात का उदाहरण है कि आज हमको अपनी जमीन व जमीन तथा अपनी फसलों को बचाने के लिए आंदोलन लडऩा पड़ रहा है।

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