भिवानी/मुकेश वत्स

 पतंजलि रिसर्च संस्थान हरिद्वार द्वारा एक तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन उत्तराखण्ड राज्य कांउसिल ऑफ विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के सौजन्य से किया गया। इस कार्यशाला में चौधरी बंसीलाल विश्वविद्यालय के जैव प्रौद्योगिकी विभाग की सहायक प्रोफेसर डाक्टर मोनिका मिगलानी ने ऑनलाइन सहभागिता की। उन्हें इस कार्यशाला में तृतीय स्थान प्राप्त हुआ। उन्होंने अपने विषय आयुर्वेद और उसकी विश्व प्रसिद्ध त्रिदोष पद्धति के बारे में बताया।

मोनिका ने अपने रिसर्च विषय में बताया की आज कल की बढ़ती हुई गंभीर बीमारियों से लडऩे में आयुर्वेद निश्चित ही एक अहम भूमिका रखता है और आयुर्वेद की विश्व प्रसिद्ध धारणा का सम्मिश्रण यदि जिनोमिक्स के साथ मिलकर किया जाए तो यह निश्चित ही मनुष्य को भीषण से भीषण बीमारियों से भी सरल ही राहत पहुंचा सकता है जोकि अंतत: संपूर्ण मानव जाति के समग्र विकास के लिए एक बहुमूल्य कदम होगा विषय पर आयोजित इस अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला में भारत, चीन, नाईजेरिया, यूएई, फ्रांस सहित विभिन्न देशों से लगभग तीन सौ प्रतिभागियों ने भाग लिया। 

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