गुरुग्राम : शहर में गिरते हुए निर्माणाधीन पुलों से अभी तक बचते आए गुरुग्राम की रखवाली तो माँ शीतला के भरोसे ही है , शुक्र है कि इन पुलों के गिरने के समय अधिक आवागमन नहीं हुआ लोगों का वरना जानमाल के होने वाले नुकसान से थर्रा उठता साइबर सिटी कहलाने वाला गुरुग्राम शहर !

घटना आज रविवार अलसुबह द्वारका एक्सप्रेसवे पर बन रहे फ्लाईओवर के स्लैब को स्थापित करने वाली मशीन की खराबी अथवा उसके संचालन में लापरवाही के कारण या फिर घाटियां सामग्री के इस्तेमाल के चलते भरभरा कर गिर गया , अब कुशल इंजीनियर का न होना कहा जाए या ठेकेदार की लेबर द्वारा बरती गई कोताही – वजह जो भी रही जांच करके बताएंगे अधिकारी जिनका दायित्व बनता है ।

आज दौलताबाद गांव को जोड़ने वाले महत्वपूर्ण मार्ग के समीप हुए ईस हादसे की खबर पाकर लोगों अचंभित हो गए उनकी चिंताए बढ़ गई और सभी की यह जानना चाहते थे कि वहां कोई जानी-नुकसान तो नहीं हुआ और यह एक के बाद एक होते हादसे कब रुकेंगे तथा किन अयोग्य कंपनियों को टेंडर दिए गए हैं और उनपर कार्यवाही कब होगी ?

बादशाहपुर रोड पर हुआ हादसा हो या हिरोहोण्डा चौक पर फ्लाईओवर में बड़ा सुराख बन जाना और फिर बसई रोड वाले पुल का टूटना हो और या फिर आज ईस स्लैब का टूटकर बिखरना दर्शाता है कि कहीं न कहीं निर्माण सामग्री का भी ठीक से उपयोग नहीं किया जा रहा है बड़ा सवाल है कि जांच करेगा कोंन जब पहले से ही सरकारी सरंक्षण प्राप्त है ठेकेदारों को ?

हाल ही में राष्ट्रीय राजमार्ग एवं जहाजरानी मंत्रालय की कमान संभाल रहे केंद्रीय मंत्री श्री नितिन गडकरी जी दौरा करके लोटे हैं उन्होंने धीमी देखी तो उसे बढ़ाने के निर्देश दिए ताकि समय पर कार्य पूरा हो सके ।

तरविंदर सैनी (माईकल ) समाजसेवी गुरुग्राम का कहना है कि विकास किया जाना चाहिए मगर लापरवाहियों वाले तरीकों से नहीं ,सतर्कता बरतने की जरूरत है पूर्व में और ताजा हादसों से सबक लेकर , ईन संकेतों को चुनोती के रूप में लेकर अतिरिक्त सावधानी बरतने की जरूरत है ।

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