यह हादसा दौलताबाद जहाजपुर के बीच में रविवार प्रातः हुआ.
बीते 4 मार्च को  गडकरी और इंद्रजीत ने किया था मुआयना

फतह सिंह उजाला

गुरुग्राम । अब इसे विकास परियोजनाओं का बोझ कहें या परियोजनाओं के करोड़ों रुपए का बोझ कहें। कि गुरुग्राम की धरती विकास परियोजनाओं का बोझ नहीं खेल पा रही है । कहीं ऐसा तो नहीं करोड़ों रुपए के विकास परियोजनाओं में भ्रष्टाचार का घुन, विकास परियोजनाओं अथवा निर्माण कार्यों को धराशाई करने में दीमक का काम कर रहा है ।

ऐसा ही एक भयंकर हादसा गुरुग्राम में निर्माणाधीन द्वारका एक्सप्रेसवे पर हुआ । यह हादसा गुरुग्राम और दिल्ली के बीच में द्वारका एक्सप्रेसवे पर बन रहे एलिवेटेड फ्लाईओवर पर हुआ है । जिस समय यह हादसा हुआ फ्लाईओवर को असेंबल करने का काम चल रहा था और वहां पर काम करने वाले मजदूरों की संख्या भी होली के त्यौहार को देखते हुए बहुत कम बताई गई । जानकारी के मुताबिक हादसे में आरंभिक तीन मजदूरों के घायल होने की सूचना है । इस हादसे की जानकारी मिलते ही डीसीपी दीपक श्योराण भी मौके पर पहुंच गए और उन्होंने केवल मात्र इतना ही कहा कि यह जांच का विषय है कि हादसा कैसे हुआ ? घायल मजदूरों अथवा अन्य किसी जानी नुकसान के संदर्भ में भी उन्होंने जांच की बात कही।

गौरतलब है कि बीते 4 मार्च को ही केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह दोनों ने ही द्वारका एक्सप्रेसवे के निर्माण कार्यों का मुआयना किया था । द्वारका एक्सप्रेसवे की लंबाई करीब 29 किलोमीटर बताई गई है , जिसमें से आधा हिस्सा हरियाणा में और आधा हिस्सा दिल्ली सीमा में शामिल है। करीब 9000 करोड रुपए की लागत से बनाए जाने वाले इस एक्सप्रेस-वे के बीच में लगभग पौने किलोमीटर लंबी आठ लेन की सुरंग बनाना भी प्रस्तावित है । यह एक्सप्रेसवे चार पैकेज में अलग अलग बनाया जाना है । यह महत्वपूर्ण एक्सप्रेसवे गुरुग्राम मैं राष्ट्रीय राजमार्ग नंबर 48 खेड़की दौला टोल प्लाजा के नजदीक से शुरू होकर दिल्ली सीमा में इसी मार्ग पर शिव मूर्ति के पास खत्म होना है ।

जानकारी के मुताबिक कुल 29 किलोमीटर लंबाई में से 23 किलोमीटर एलिवेटेड है 4 किलोमीटर की दूरी में टनल का निर्माण होना प्रस्तावित है । एलिवेटेड भाग में 8 लाइन का फ्लाईओवर सिंगल पिलर पर बनाया जा रहा है। दावा किया गया है कि भारतवर्ष में यह अपनी तरह का पहला निर्माण हो रहा है । यह तो है  द्वारका एक्सप्रेसवे के निर्माण की खूबियां । अब ऐसा क्या हुआ कि अचानक भरभरा कर करोड़ों रुपए की सड़क परियोजना का फ्लाईओवर धड़ाम से जमीन पर आ गिरा ।

जानकारी के मुताबिक हादसे में तीन मजदूरों के घायल होने की बात सामने आई है ,बाकी पूरी जांच होने के बाद ही पता लग सकेगा कि हादसे के समय मौके पर कितने मजदूर काम कर रहे थे और कितने मजदूरों को चोट लगी है । बताया गया है कि एलिवेटेड फ्लाईओवर पर भारी भरकम आधुनिक मशीनों के द्वारा असेंबलिंग का काम किया जा रहा था कि इसी दौरान निर्माणाधीन और हादसे वाले स्थान पर तीन हिस्सों में भारी भरकम स्लैब धड़ाम से नीचे आ गए । इसके साथ ही निर्माण में इस्तेमाल किए जा रहे भारी-भरकम उपकरण भी अपना बोझा नहीं झेल सके और वह भी औंधे मुंह जमीन पर ही गिर गए। गौरतलब है कि लगभग 4 माह पहले भी सोहना क्षेत्र में ठीक इसी प्रकार का हादसा हो चुका है , जैसा कि अब होली के त्यौहार वाले दिन गुरुग्राम में दौलताबाद और जहाजपुर के बीच निर्माणाधीन द्वारका एक्सप्रेसवे के एलिवेटेड फ्लाईओवर पर हुआ है।

जिस प्रकार से हरियाणा की आर्थिक राजधानी और एनसीआर के सबसे महत्वपूर्ण और वीआईपी इलाके गुरुग्राम जैसे शहर में एक के बाद एक विशेष तौर से फ्लाईओवर पर हादसे हो रहे हैं। वह निर्माण के बाद इन पर दौड़ने वाले भारी-भरकम वाहनों को देखते हुए निर्माण पूरा होने से पहले ही बेहद गंभीर चिंता का विषय बनने के साथ-साथ गुणवत्ता पर भी सवालों का बोझ निर्माण की प्रक्रिया में ही लादकर निर्माण के बोझ को झेलते हुए बड़ी परियोजनाओं को समय पर पूरा किया जाने का अप्रत्यक्ष दबाद भी अपने ऊपर लादे हुए हैं । लोगों में तीखी प्रतिक्रिया है कि यह तो निर्माण के दौरान ही भेद खुल गया कि किस प्रकार का काम हो रहा है ? ऐसे में फ्लाईओवर और यह करोड़ों रुपए का एक्सप्रेसवे तैयार हो जाता, इसके किसी वीआईपी के द्वारा उद्घाटन के बाद हादसा होता ? तो फिर वही जांच पर जांच का खेल शुरू होने से इनकार नहीं किया जा सकता है । अभी तक जितने भी गंभीर और बड़े हादसे गुरुग्राम में हुए हैं निर्माणाधीन कंपनियों को ब्लैक लिस्ट करके निर्माण परियोजनाओं से अलग नहीं किया गया । बलिक कथित रूप से जुर्माना लगाकर उन्हीं कंपनियों के हवाले और भरोसे परियोजनाओं को छोड़ दिया गया है।

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