भिवानी/मुकेश वत्स  

अपनी बहाली की मांग को लेकर चल रहे बर्खास्त पीटीआई का धरना शनिवार को 285वें दिन में प्रवेश कर दिया, मगर प्रदेश सरकार पर किसी पर का कोई असर होता नजर नहीं आ रहा। बर्खास्त पीटीआई के हालात दिन-प्रतिदिन खराब होते जा रहे है और इनको अपने बच्चों के भविष्य की चिंता सता रही है। बर्खास्त पीटीआई के हालात इतने दयनीय होते जा रहे है कि तनाव की वजह से कई साथी आत्महत्या कर चुके है और ह्दृयघात का शिकार हो चुके है। यह आरोप सुनिल हलवास ने लगाए।

उन्होंने कहा कि सरकार बार-बार फॉर्म भरवाकर कोर्ट का सहारा लेकर बाधित कर रही है। ऐसा सरकार जान-बूझकर कर रही है। सरकार जानती है कि वह खुद कुछ नहीं करेगी तो कर्मचारी सरकार के विरोध में आंदोलन कर देंगे, इसीलिए कोर्ट का सहारा लेकर रही है और लगातार बर्खास्त पीटीआई को बरगलाने का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि जब तक बर्खास्त पीटीआई की बहाली नहीं की जाएगी, उनका धरना यूं ही जारी रहेगा। आज के क्रमिक अनशन पर मदनलाल सरोहा पीटीआई, सुनील जांगड़ा, सुरेंद्र सिंह, राजेश कुमार रहे। धरने का संचालन सतीश कुमार पीटीआई ने किया।

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