चंडीगढ़ – प्रदेश सरकार ने प्रदेश में चल रहे बोर्ड, निगमों तथा विश्वविद्यालयों जैसे स्वायत्ता प्रदान संस्थानों से भर्तियों के अधिकार वापस ले लिए हैं। अब इनमें भी ग्रुप सी व डी के कर्मचारियों की भर्तियां हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के माध्यम से होंगी। सरकार द्वारा हाल ही में लागू की गई संयुक्त पात्रता परीक्षा के आधार पर बनी मेरिट लिस्ट से ही इन पदों को भरा जाएगा इस संबंध में सरकार ने चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान, उच्चतर शिक्षा विभाग, तकनीकी शिक्षा विभाग और कृषि विभाग के प्रशासनिक सचिवों को लिखित आदेश जारी कर दिए गए हैं। हाल ही में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने भी हरियाणा राज्य उच्चतर शिक्षा परिषद की बैठक में सभी कुलपतियों को सरकार के फैसले से अवगत करा दिया था। आदेश के मुताबिक, विश्वविद्यालयों में गैर शैक्षिक स्टाफ में रजिस्ट्रार, डिप्टी और असिस्टेंट रजिस्ट्रार, वित्त अधिकारी, डीपीई, लाइब्रेरियन, डिप्टी और असिस्टेंट लाइब्रेरियन को छोड़कर सभी पदों को एचएसएससी की मार्फत भरा जाएगा। हरियाणा में स्वायत्त संस्थाएं जैसे बोर्ड-निगम, सरकारी कंपनियां और विश्वविद्यालय अपने स्तर पर ही तृतीय और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की नियुक्तियां करती रही हैं। इन भर्तियों में पारदर्शिता नहीं होने के चलते भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद के आरोप लगते रहे हैं। विधानसभा में भी यह मुद्दा उठ चुका है। अब प्रदेश सरकार ने इन संस्थाओं को एचएसएससी के दायरे में ला दिया है, जिससे भर्तियों में भ्रष्टाचार खत्म हो जाएगा। Post navigation गृहमंत्री अनिल विज, बोले निकिता तोमर हत्याकांड में मांगेंगे फांसी की सजा आर्ट एंड क्राफ्ट टीचर्स के लिए खुशखबरी..