भिवानी/मुकेश वत्स। 

जिला वैकल्पिक विवाद समाधान केंद्र में जिला बाल संरक्षण इकाई द्वारा  कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें किशोर न्याय बच्चों की देखभाल एवं संरक्षण अधिनियम 2015 व लैंगिक अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम संशोधन 2020 के बारे में विस्तार से जानकारी दी। जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण के चेयरमैन एवं मुख्य न्यायाधीश रमेश चंद्र डिमरी के मार्गदर्शन में एडीआर सेंटर में आयोजित कार्यशाला की अध्यक्षता प्राधिकरण की सचिव एवं मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी शिखा ने की।

उन्होंने कहा कि लोगों को पोक्सो एक्ट की जानकारी दी जाए। उन्होंने कहा कि बढ़ते हुए बाल अपराधों को रोकने के लिए कानूनी सहायता की जानकारी होना जरूरी है। उन्होंने जेजे एक्ट, प्रतिदिन बढ़ रहे अपराध, उत्पीडऩ, छेड़छाड़, बच्चों के शोषण आदि मामलों से अवगत कराया और इसमें की जाने वाली कार्यवाही को विस्तार से बताया। कार्यक्रम में अधिवक्ता प्रियंका धूपड़ ने लैंगिक अपराध अधिनियम में किए गए संशोधन के बारे में विस्तार से जानकारी दी। विधि एवं पर्यवेक्षण अधिकारी मनोज कुमार धनखड़ ने जेजे एक्ट के संदर्भ में पूर्ण जानकारी दी। जिला कार्यक्रम अधिकारी परिणीता गोस्वामी ने सही पोषण के बारे मे पूर्ण जानकारी दी।

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