— हुक्का बार में सरेआम चलता है नशे का कारोबार, ड्रग्स पेडलर्स को भी पकड़ चुकी है पुलिस
— हाईकोर्ट द्वारा बैन रखने के आदेश,सरकार के दावे भी बन्द के तो वही ड्रग्स विभाग ने दीपांशु को आरटीआई में बताया किसी हुक्का बार को परमिशन नही फिर भी धड़ले से चल रहे हुक्का बार्स
— नशा कारोबारियों का अड्डा बन चुके है हुक्का बार्स, प्रशासन करे सख्त कार्यवाही

पंचकूला-चन्दरकान्त शर्मा

जिला पंचकूला में नशा कारोबार का अड्डा बन चुके अवैध हुक्का बार्स पर नकेल कसने से आधे से ज्यादा नशा कारोबार पर लगाम लग सकती है, यह कहना कांग्रेस छात्र इकाई,एनएसयूआई आरटीआई सेल के राष्ट्रीय कन्वीनर दीपांशु बंसल का है। उनके अनुसार जिले के दर्जनो हुक्का बार्स में सरेआम चिट्टा, कोकेन, स्मैक जैसे नशीले पदार्थो का सेवन युवाओ व माइनर्स को करवाया जाता है जिसके चलते पुलिस ने भी ड्रग्स पेडलर्स को पकड़ा है जो हुक्का बार्स में ऐसे नशे सप्लाई करके आगे लिंक सोर्स का जाल बिझाते थे।यदि ड्रग्स विभाग व पुलिस प्रशासन सख्ती बरतते हुए इन अवैध हुक्का बार्स पर ठोस कार्यवाही करे तो जिले में नशा कारोबार थम सकता है। हालांकि इस मामले को लेकर गत माह मनोज यादव डीजीपी हरियाणा से भी दीपांशु बंसल ने मुलाकात की थी। जहां तो एक तरफ कोविड संक्रमण फैलने का खतरा इन हुक्का बार्स में फ्लेवर्ड हुक्के के सेवन से है तो वही नशा कारोबारियों का भी अड्डा बन चुके है।

हैरानी की बात तो यह है कि इन हुक्का बार्स को लेकर जब हाईकोर्ट द्वारा बैन रखने के आदेश है,सरकार के दावे भी बन्द के तो वही ड्रग्स विभाग ने बंसल को आरटीआई में बताया किसी हुक्का बार को परमिशन नही फिर भी हुक्का बार धड़ले से कैसे चल रहे है। रेस्ट्रॉन्ट की आड़ में विभिन्न कैफे चल रहे है जोकि शहर में सरेआम नशे का सेवन करवा रहे है। इस मामले को लेकर दीपांशु ने जहाँ तो एक तरफ हाईकोर्ट तक का दरवाजा खटखटाकर पीआईएल डालकर बन्द करवाने के आदेश करवाए तो वही डीसी से लेकर सीएम तक को बार बार ज्ञापन भेजकर कार्यवाही की मांग की।

डीजीपी हरियाणा ने दीपांशु बंसल को सख्त कार्यवाही का आश्वासन दिया था परन्तु अब तक जिला प्रशासन ने केवल एक आदेश निकालने के अलावा कोई कार्यवाही धरातल पर नही की जिससे कही न कही नशा कारोबारियों को बढ़ावा मिल रहा है। दीपांशु बंसल का कहना है कि जिला पंचकूला समेत पूरे हरियाणा में एक भी हुक्का बार के पास परमिशन नही है, यहां तक हर्बल हुक्के के भी कोई परमिशन नही तो ऐसे में अब धड़ले से चलने वाले फ्लेवर्ड हुक्का बार नशीले पदार्थो का भी सेवन रेस्ट्रॉन्ट केफेस की आड़ में कर रहे है।

दीपांशु बंसल ने कहा कि इससे पूर्व सभी स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों को मामले के बारे अनेको बार सूचना दी, यहां तक हाईकोर्ट में भी जनहित याचिका दायर की जिसके बाद न्यायलय ने पीआईएल पर कार्यवाही करते हुए अवैध हुक्का बार्स को बन्द रखने के आदेश दिए तो वही ड्रग्स विभाग ने उन्हें आरटीआई में सूचना दी कि किसी हुक्का बार के पास कोई एनओसी व परमिशन नही है ऐसे में भ्रष्ट अधिकारियों की मिलीभगत से हुक्का बार चल रहे है जिनकी रोकथाम के लिए स्पेशल फोर्स बनाकर कार्यवाही किया जाना जरूरी है।

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