कंप्यूटर साईंस में पीएचडी के लिए अमेरिका की इंडियाना यूनिवर्सिटी मेंं आरक्षित एक सीट पर पाया करीब ढाई करोड़ रुपए की स्कॉलरशिप पर दाखिला भिवानी/धामु विलक्षण और बहुमुखी प्रतिभा की धनी हरियाणा की बेटी शुभावी आर्य ने विश्व में देश व प्रदेश का गौरव बढ़ाने के साथ-साथ विश्व की मेधावी छात्रा होने का गौरव हासिल किया है। शुभावी विश्व की एकमात्र ऐसी छात्रा बनी हैं, जिन्होंने कंप्यूटर साईंस में पीएचडी के लिए अमेरिका की इंडियाना यूनिवर्सिटी मेंं आरक्षित केवल एक सीट पर करीब ढ़ाई करोड़ रुपए की स्कॉलरशिप पर दाखिला पाया है, जो कि अमेरिका की करीब तीन लाख 33 हजार डॉलर है। शुभावी फिलहाल अमेरिका के मिनयापोलिस शहर में यूनिवर्सिटी ऑफ मिनीसोटा में कंप्यूटर साईंस एंड साईक्लॉजी की ड्यूल मेजर, बेचलर ऑफ साईंस में अंतिम वर्ष की स्टूडेंट है। शुभावी आर्य भिवानी के उपायुक्त जयबीर सिंह आर्य की सुपुत्री है। कंप्यूटर साईंस में रिसर्च के लिए निर्धारित महज एक सीट के लिए पूरे विश्वभर से विद्यार्थियों ने भाग लिया था, जिसमें मेरिट के आधार पर शुभावी का चयन हुआ है। इससे पहले शुभावी ने कनेडियन इंटरनेशनल स्कूल, सिंगापुर के मिडल ईयर प्रोग्राम के तहत कक्षा 9 वीं और 10 वीं कक्षा के दौरान भी 63 हजार सिंगापुर डॉलर की स्कॉलरशिप हासिल की थी। नौंवी कक्षा के दौरान शुभावी ने कनेडियन इंटरनेशनल स्कूल का प्रतिनिधित्व करते हुए सबसे युवा छात्रा के तौर पर यूनाईटेड वल्र्ड कॉलेज पूना द्वारा मॉडल यूनाईटेड नेशन- 2012 कार्यक्रम में भाग लिया, जिसमें शुभावी को वर्बल कॉमेनडेशन पुरस्कार से नवाजा गया। सुभावी हार्वड यूनाईटेड नेशन चाईना 2015-11 वीं कक्षा के दौरान एसिस्टेंट डायरेक्टर के रूप में हारवर्ड मॉडल यूनाईटेड नेशन हार्वड यूनिवर्सिटी टीम की सदस्य रही। बहुमुखी प्रतिभावान शुभावी आर्य न केवल एक होनहार छात्रा है, बल्कि आईस स्केटिंग की अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी और एनीमेशन फिल्म निर्देशक और फिल्म मेकर भी है। उन्होंने 15 वर्ष की आयु में अंडर 18 आयु वर्ग में अमेरिका इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवव अर्वार्ड में कांस्य पदक अपने नाम किया, वह फिल्म शुभावी के द्वारा लिखी व निर्देशित की गई थी। शुभावी भारत वर्ष की सबसे युवा एनीमेकर फिल्म निर्देशिका है, जिसकी एनीमेशन मूवी, एडवेंचर ऑफ मालिया, 30 इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल और 10 देशों में स्क्रीन हो चुकी है तथा 11 इंटरनेशनल फिल्म अर्वार्ड जीत चुकी है। उन्होंने 16 वर्ष की आयु में एडवेंचर ऑफ मालिया बनाई थी। शुभावी एक दर्जन से अधिक पुरस्कार अपने नाम कर चुकी हैं। उन्होंंने सिंगापुर में वर्ष 2013 में नौंवी कक्षा की पढ़ाई के दौरान ऑन लाईन अंतरराष्ट्रीय पेंटिग प्रतियोगिता में भी अव्वल स्थान हासिल किया था। शुभावी ने अपनी सफलता का श्रेय अपनी माता व पिता को दिया है। उन्होंने कहा कि अपने पिता व माता ने बचपन से उनको कुछ रचनात्मक कार्य करने के लिए प्रेरित किया है। Post navigation राष्ट्रीय शीतकालीन साहसिक शिविर मनाली में मचाएंगे भिवानी के बच्चे धमाल पक्षियों का अस्तित्व बचाना समाज का नैतिक दायित्व: एमएल शर्मा