उत्तर रेलवे जीएम ने एक पैसेंजर ट्रेन अप्रूवल का भेजा प्रस्ताव.
जीएम से दैनिक यात्री संघ के प्रधान व रेलवे समिति के सदस्य मिले.
कोविड-19 अनलॉक के बाद एक भी पैसेंजर ट्रेन उपलब्ध नहीं

फतह सिंह उजाला
पटौदी ।
 सुबे की सरकार और सत्तासीन पार्टी बीजेपी के लिए दक्षिणी हरियाणा संजीवनी साबित हुआ है। लेकिन कोरोना महामारी के दौरान बंद की गई देशभर में तमाम ट्रेनों के बीच अब दिल्ली डिवीजन उत्तर रेलवे के द्वारा जहां लगभग 50 ट्रेनों को चलाने की मंजूरी प्रदान कर दी गई है , वही रेवाड़ी और दिल्ली के बीच में एक भी पैसेंजर ट्रेन उपलब्ध नहीं करवाना दैनिक यात्रियों सहित आम लोगों को भी बहुत अखरने लगा है । वास्तव में अहीरवाल के लंदन कहलाने वाले रेवाड़ी और रेवाड़ी जंक्शन को एशिया के सबसे बड़े जंक्शन का भी दर्जा प्राप्त है , हैरानी की बात यह है कि एक भी पैसेंजर ट्रेन रेवाड़ी और दिल्ली के बीच में दैनिक यात्रियों सहित आम जनमानस के सुविधा के लिए उपलब्ध नहीं करवाई गई है ।

जोनल रेलवे उपयोगकर्ता परामर्शदात्री समिति (उतर रेलवे) कि सदस्य योगिता धीर व मंडल रेलवे उपयोगकर्ता परामर्शदात्री समिति के सदस्य योगिनद्र चैहान ने  दिल्ली -रेवाड़ी सेकशन पर पैंसजर रेलगाड़ी चलवाने के लिए अशुतो गंगल जनरल मैनेजर (उतर रेलवे) से मुलाकात की और कहा कि रेवाड़ी से दिल्ली के बीच एक भी पैंसजर रेलगाड़ी नहीं दी गई। जबकि उतर रेलवे द्वारा लगभग 50 पैंसजर रेलगाड़ियों का संचालन किया गया है। आशुतोष गंगल ने कहा कि आप बताए कौन सी एक ट्रेन आपको दिल्ली-रेवाडी सेकशन पर चाहिए ? यात्री संघ ने 54414 और 54417 कि डिमांड की है। इसके अप्रूवल के लिए रेलवे बोर्ड को भेज दिया गया है। इसके अतिरिक्त आइआरटीसी से  आनलाइन टिकट बुक करने कि अंतिम सीमा 10 थी , जिसको बढाकर अन लिमिटेड कर दिया जाएगा। अधिकारी ने गुरूग्राम व पटौदी रोड रेलवे सटेशन पर सवचछता के लिए भी आदेश किए है।

रेवाड़ी और दिल्ली के बीच में यात्रा करने वाले दैनिक यात्री,कामकाजी, सरकारी कर्मचारी, छात्र वर्ग व छोटा-मोटा रोजगार करने वाले लोगों की सुविधा और जीवन यापन को सरल बनाने के लिए रेवाड़ी और दिल्ली के बीच में सुबह और शाम कम से कम 3-3 पैसेंजर ट्रेन चलाई जाने की आवश्यकता ही नहीं आज के समय में जीवन यापन के लिए मूलभूत जरूरत  बन चुकी है । एक मात्र आरएनटी पैसेंजर ट्रेन जो चलाई जा रही है , वह एक्सप्रेस ट्रेन की तर्ज पर ही चल रही है और इसमें भी ऑनलाइन टिकट बुकिंग के बाद ही सफर किया जाना किसी के लिए संभव है । यह ट्रेन रेवाड़ी से लेकर दिल्ली के बीच विभिन्न ऐसे रेलवे स्टेशनों पर ठहरती ओर रवाना होती है जिन स्टेशनों पर रिजर्वेशन काउंटर ही नहीं है । वही ऐसा भी संभव नहीं है कि दैनिक कामकाजी और मजदूरी करने वाले सभी लोग मोबाइल पर उपलब्ध विभिन्न सुविधाओं को ऑपरेट करने में पारंगत हो या फिर उन्हें पूरी तरह से इसकी जानकारी भी हो।

ऐसे में सीधा और सरल विकल्प यही है कि दिल्ली रेवाड़ी के बीच में औसतन प्रतिदिन 70 हजार यात्रियों के आवागमन के साथ-साथ आम जनमानस के लिए लाइफ लाइन बनी हुई पैसेंजर ट्रेनों को चलाने में केंद्र सरकार, रेल मंत्रालय, रेलवे बोर्ड, रेलवे मंत्री को अपने मानवीय पक्ष का भी परिचय कराना चाहिए। दिल्ली डिवीजन उत्तर रेलवे के जीएम आशुतोष दंगल के द्वारा उनसे मिलने गए प्रतिनिधिमंडल से केवल मात्र एक पैसेंजर ट्रेन चलाने का प्रस्ताव मांगा गया। जबकि रेवाड़ी और दिल्ली के बीच में मुंढलिया, खलीलपुर, पटौदी, पातली, इच्छापुरी, पटौदी, जाटोला-जोड़ी-सांपका ,ताज नगर, पातली, गढ़ी हरसरू, बसई धानकोट गुरुग्राम, बिजवासन, बसई धनकोट , पालम, दिल्ली छावनी, पटेल नगर, शाहाबाद मोहम्मदपुर, अन्य छोटे स्टेशनों से अनेकानेक दैनिक यात्री, मजदूर, कामकाजी, दैनिक वेतन भोगी और छात्र वर्ग के साथ-साथ सरकारी विभागों के कर्मचारी भी इन्हीं स्टेशनों से संबंधित अथवा साथ लगते शहर या कस्बों में पढ़ाई और काम काज के लिए आवागमन करने वालों में शामिल हैं । लेकिन अब मजबूरी में सड़क मार्ग से आवागमन करना सभी के लिए संभव ही नहीं रह गया है । सड़क परिवहन, ट्रेन के मुकाबले कहीं अधिक खर्चीला और महंगा साबित हो रहा है । कुल मिलाकर महीने में जितना वेतन मिले ,वह ऐसे कि ऐसे किराए में भुगतान कर दिया जाए तो गरीब आदमी किस प्रकार से अपना गुजर-बसर कर रहा होगा, यह भी गंभीर विचारनीय प्रसंग चुने हुए जनप्रतिनिधियों, क्षेत्र के सांसद के साथ ही तमाम रेल यात्रियों के वोट के समर्थन से बनी केंद्र सरकार को भी इस दिशा में अब उदारता का परिचय देना चाहिए। अब देखना यह है कि अंतिम पायदान के व्यक्ति तक सरकार की सुविधाओं को पहुंचाने की दावेदार केंद्र की सरकार कब तक पैसेंजर ट्रेनों की पर्याप्त और उचित संख्या में सुविधा उपलब्ध करवा सकेगी।  

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