आज किसान बर्बाद खड़ा है, देखो उसकी बदहाली

-कमलेश भारतीय
स्थानीय जाट महाविद्यालय में हिंदी विभाग द्वारा हिंदी विभाग द्वारा काव्य पाठ प्रतियोगिता आयोजित की गयी । इसमें विभिन्न महाविद्यालयों के छात्र छात्राओं ने अलग अलग विषयों पर कविताएं प्रस्तुत कीं । एक कविता किसान आंदोलन को भी समर्पित रही :

आज किसान बर्बाद खड़ा है ।
देखो उसकी बदहाली
अखबारों की रद्दी बन कर
लिखी कथा बलिदान की ,,,
एक और कविता जिसमें आशावाद झलका :
कुछ सपनों के मर जाने से
जीवन नहीं मरा करता है
कुछ पानी के बह जाने से
सावन नहीं मरा करता है ,,,

इस प्रतियोगिता में निर्णायकों की भूमिका डाॅ राधेश्याम शुक्ल, कमलेश भारतीय व डाॅ कुसुम चुघ ने निभाई । मंच संचालन प्राध्यापिका डाॅ बिमल लाठर ने किया । कार्यक्रम की परिकल्पना डाॅ नरेंद्र चहल ने की । विभागाध्यक्ष डाॅ नीलम सिह लाम्बा ने सबका स्वागत् किया । प्रिंसिप बलवीर सिंह की गरिभामयी उपस्थिति रही । प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार डी एन काॅलेज , द्वितीय गवर्नमेंट काॅलेज और तृतीय मेज़बान जाट काॅलेज को मिला जबकि सांन्त्वना पुरस्कार महारानी लक्ष्मी बाई महाविद्यालय और एफ सी महाविद्यालय को प्रदान किया गया । डाॅ सुशील बिजला व सभी प्राध्यपिकाओं का सहयोग रहा ।

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