रेवाडी,16 मार्च 2021 – 7स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश प्रवक्ता वेदप्रकाश ने एक बयान में कहा कि रेवाड़ी नगरपरिषद उपप्रधान चुनाव डेपूटेशन पर भाजपा में गए कांग्रेसियों व मूल कांग्रेसियों ने राव इन्द्रजीत सिंह के नेतृत्व में मिलकर पुराने भाजपाई-संघीयों को हराकर कब्जाया। विद्रोही ने कहा कि मीडियाकर्मी व राजनेता अपनी सुविधा के अनुसार इस चुनाव की व्याख्या कर रहे है, पर सच बताने-कहने से भाग रहे है। रेवाडी नगर परिषद के उपप्रधान चुनाव का नग्न सत्य यही है कि सदैव ही सत्ता में रहने को लालायित रहले वालेे कांग्रेसियों ने ही यह चुनाव जीता है। आजकल राव इन्द्रजीत सिंह के नेतृत्व में जो कांग्रेसी डेपूटेशन पर भाजपा में गेस्ट कलाकार की भूमिका में है, उन्होंने अपने पुराने मूल कांग्रेसियों के साथ मिलकर उपप्रधान पद चार मतों से कब्जाया है जबकि अपने को मूल भाजपाई समझनेे वाले मुंह तांकते रह गए और राव इन्द्रजीत सिंह के उम्मीदवार को हराने के लिए भीतरघात के बाद भी अपने मंसूबों में सफल नही हुए। विद्रोही ने कहा कि जो पार्षद दिन-रात स्थानीय कांग्रेस विधायक व उनके परिवार के इर्द-गिर्द 30 सालों से मंडराकर उनके खासमखास बने हुए थे, उन्होंने भी राव इन्द्रजीत सिंह खेमे का साथ देकर डेपूटेशन पर भाजपा में गए अपने पुराने कांग्रेसी भाई का सिर ऊंचा रखने को प्राथमिकता देकर मूल भाजपाईयों को पटखनी देने में दिल खोलकर साथ दिया। रेवाडी नगरपरिषद उपप्रधान पद का चुनाव अहीरवाल यानि दक्षिणी हरियाणा की सरकारी भक्ति के रूप में देखा जाना चाहिए। यहां के लोग सत्ता पाने के लिए इतने उतावले रहते है कि उन पर यही कहावत लागू होती है कि जहां देखी तवां-परात, वहीं बिताई सारी रात। रेवाड़ी नगरपरिषद उपप्रधान चुनाव कांग्रेसियों की सत्ता सुख पाने की जबरदस्त एकता की मिसाल है। विद्रोही ने कहा कि इसी तरह सत्ता सुख बरकरार रखने धारूहेडा से निर्वाचित नगरपालिका प्रधान जो 30 सालों तक कांग्रेस में थे, वे इसलिए भाजपाई बने ताकि उनकी शिक्षा-योग्यता पर उठा विवाद कहीं उन्हे सत्ता सुख से वंचित ना कर दे। लेकिन कांग्रेसी से भाजपाई बनने का उनका दांव सफल नही हो सका और वे शिक्षा-योग्यता विवाद में खुद अयोग्य हो गए। विद्रोही ने कहा कि अहीरवाल के हर स्तर के निर्वाचित वर्तमान व भूतपूर्व जनप्रतिनिधि की यह सोच-प्रवृत्ति ही इस क्षेत्र के साथ विकास कार्यो में भेदभाव व सौतेला व्यवहार का पहले भी मुख्य कारण थी और आज भी है। Post navigation शपथ लिए बिना ही उखड़ गए नवनिर्वाचित चेयरमैन के पांव मोदी सरकार देश को पूजींपतियो के हाथों बेच रही