खेड़ा बॉर्डर पर 93 वें दिन आंदोलन : 23 मार्च शहीदी दिवस पर नौजवान दिल्ली के मोर्चों में शामिल हों

26 मार्च को अन्दोलन के 4 महीने होने पर अब होगा पूर्ण भारत बंद.
किसानों ने कॉरपोरेट-विरोधी दिवस और सरकार-विरोधी दिवस मनाया

फतह सिंह उजाला
शाहजहांपुर ।
 दिल्ली-जयपुर नेशनल हाईवे पर खेड़ा बॉर्डर पर सोमवार को 93 वें दिन भी किसान-आंदोलन के तहत महापड़ाव जारी रहा। यहां सोमवार की किसान सभा को संबोधित करते हुए किसान- नेताओं ने कहा कि भाजपा-आरएसएस सरकार द्वारा कृषि-कानूनों के लिए लाये गए अध्यादेशों के साथ ही शुरू हुये किसानों का ऐतिहासिक आंदोलन के तहत दिल्ली के चारों ओर किसानों के मोर्चों को लगे हुए 110 दिन हो चुकेे हैं। आंदोलन को तोड़ने के, कमजोर करने के भाजपा-आरएसएस और केन्द्र सरकार की एजेन्सियों के तमाम मंसूबे और साजिशों को बेनकाब करते हुए किसानों का आंदोलन लगातार कदम दर कदम आगे बढ़ रहा है। जैसे-2 आंदोलन आगे बढ़ रहा है जनता के अन्य संघर्षरत हिस्सों का जुडाव भी किसान-आंदोलन के साथ होता जा रहा है। जनता के संघर्षरत हिस्सों की बढती हुई यह एकता एक अजेय गठबंधन बनता जा रहा है जिसे कि दुनिया की कोई भी ताकत ना तो आज तक कभी परास्त कर सकी है और ना ही इस बार कर पायेगी।

सोमवार 15-मार्च को देश भर में किसानों के साथ मजदूरों ने मिलकर देश भर में कॉरपोरेट-विरोधी दिवस और सरकार-विरोधी दिवस मनाया। सरकार की देशी-विदेशी कार्पोरेट-परस्त नीतियों के खिलाफ मिल कर लडने की जरूरत को समझते हुए मजदूर-किसान एकता के आधार पर संघर्ष को आगे बढाने और तेज करने का संकल्प लिया।  प्रदर्शनों में देश भर में डीजल, पेट्रोल, रसोई गैस व अन्य आवश्यक वस्तुओं के बढ़ रहे दामो के खिलाफ क्ड और ैक्ड को ज्ञापन देकर विरोध प्रदर्शन किये गये। साथ ही देशभर के रेलवे स्टेशनों पर किसानों ने मजदूर संगठनों के साथ मिलकर जनता की तमाम सम्पत्तियों को औने पौने दामों पर अपने चहेते देशी-विदेशी पूंजीपतियों के हवाले करने के विरोध में और साथ ही निजीकरण के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन किये गये।

आने वाले दिनों में इन जन संघर्षों को और तेज करने के लिए भी योजनाबद्ध तरीके के साथ आंदोलन रणनीति तैयार कर रहा है। इस रणनीति के तहत 17 मार्च को मजदूर संगठनों व अन्य जन-संगठनों के साथ 26 मार्च के प्रस्तावित भारत-बंद को सफल बनाने के लिए एक कन्वेंशन आयोजित की जाएगी। 19 मार्च को मुजारा लहर का दिन मनाया जाएगा और एफसीआई  और खेती बचाओ कार्यक्रम के तहत देशभर की मंडियों में विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। 23 मार्च को शहीद भगत सिंह के शहीदी दिवस पर देशभर के नौजवान दिल्ली बोर्डर्स पर किसानों के धरनों पर शामिल होंगे। 26 मार्च को इस अन्दोलन के 4 महीने होने पर पूर्ण रूप से भारत बंद किया जाएगा। 28 मार्च को देशभर में होली दहन में किसान विरोधी कानून जलाए जाएंगे। इन सभी कार्यक्रमों के लिए देश भर में जोरदार तैयारियां चल रही हैं।

आमसभा को किसान नेताओं में पेमाराम,राजाराम मील, राजवीर सिंह,बलवीर छिल्लर,फूल सिंह बेरला, कुलदीप, चांद कौर,अजायब सिंह, रामरतन किसान,रामरतन बगडिया,मोहन नेता, सतनाम सिंह, अमरजीत सिंह,स्वराज सिंह,संदीप मील पवन दुग्गल और कालू थोरी सहित अन्य वक्ताओं ने संबोधित किया। 

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