ये बजट जनविरोधी और महंगाई को बढ़ावा देने वाला -दीपेंद्र हुड्डा
• बढ़ती महंगाई से हाहाकार मचा हुआ है, लोगों का कमाना-खाना हुआ मुश्किल
• रसोई गैस कीमतें बढ़ने से गृहणियों में जबरदस्त निराशा, गैस सिलेंडर महंगा करके सरकार ने उनकी रसोई का बजट बिगाड़ा
• सरकार अगर डीजल-पेट्रोल और रसोई गैस कीमतों को घटाकर कांग्रेस सरकार के समय जितना भी कर देती तो खुद मुख्यमंत्री का धन्यवाद करते
• 45 रुपये लीटर डीजल पर कुर्ता निकालकर प्रदर्शन करने वाले आज डीजल की दोगुनी कीमत पर चुप क्यों हैं
रोहतक, 14 मार्च। सांसद दीपेंद्र हुड्डा आज कलानौर और किलोई हलके के कई सामाजिक कार्यक्रमों में शिरकत करने पहुंचे। उन्होंने गाँव बलियाना में रक्तदान शिविर का उद्घाटन किया। गांव मोरखेड़ी में ग्राम पंचायत द्वारा आयोजित कबड्डी टूर्नामेंट और गांव किलोई में बास्केटबॉल टूर्नामेंट में बतौर मुख्य अतिथि शामिल होकर खिलाड़ियों को प्रोत्साहित किया। इस दौरान प्रमुख रूप से विधायक शकुंतला खटक मौजूद रहीं।
सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि पहले के वर्षों की तरह ही इस साल भी हरियाणा सरकार द्वारा पेश बजट से आम लोगों को निराशा हाथ लगी है। ये बजट जनविरोधी और महंगाई को बढ़ावा देने वाला है। 1 नवंबर, 1966 को हरियाणा बनने से लेकर 2014 तक प्रदेश पर कुल कर्ज 61 हजार करोड़ रुपये था, जो पिछले साढ़े 6 साल में बढ़कर 2 लाख करोड़ रुपये से भी ज्यादा हो गया। आखिर ये पैसा कहां गया, जब प्रदेश के लोगों को बजट में महंगाई से कोई राहत नहीं दी गयी।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में बढ़ती महंगाई से हाहाकार मचा हुआ है, लोगों का कमाना खाना तक मुश्किल हो गया है। डीजल-पेट्रोल और रसोई गैस की कीमतें आसमान छू रही हैं। रसोई गैस की आसमान छूती कीमतों के चलते महिलाओं में बेहद निराशा है। गांव-गांव में गैस सिलेंडर खाली पड़े हुए हैं। महिलाएं लकड़ी व उपले पर खाना बना रही हैं जिसके धुंए से न केवल उनकी आंखों पर विपरीत असर पड़ रहा है बल्कि धुंए के चलते महिलाओं की आंखों से आंसू निकल रहे हैं। महिलाओं की रसोई का पूरा बजट बिगड़ गया है। महंगा गैस सिलेंडर आम आदमी की पहुंच से बाहर हो गया है। अगर आम लोग इतना महंगा गैस सिलेंडर खरीदेंगे तो उनके लिये सब्जी और दाल खरीदना दूभर हो जाएगा।
सरकार अगर बजट में डीजल-पेट्रोल और रसोई गैस की कीमत घटाकर उतना ही कर देती जितना कि कांग्रेस सरकार के समय थी तो वो खुद मुख्यमंत्री जी को धन्यवाद देते। उन्होंने कहा कि अगर सरकार दाम कम नहीं कर सकती तो कम से कम डीजल-पेट्रोल पर वैट ही कम कर देती और घरेलू रसोई गैस पर सब्सिडी दे देती। उन्होंने इस बात पर हैरानी जताई कि जब कांग्रेस सरकार के समय डीजल 45 रुपये लीटर था तब जो भाजपा नेता कुर्ता निकालकर प्रदर्शन करते थे वो आज डीजल कीमतों के 90 रुपये के पास पहुंचने पर भी चुप क्यों हैं।
दीपेंद्र हुड्डा ने ये भी कहा कि सरकार ने न केवल महिलाओं को निराश किया है बल्कि प्रदेश के बुजुर्गों की उम्मीदों पर भी पानी फेर दिया, जो जजपा के चुनावी घोषणा पत्र के अनुसार 5100 रुपये महीने की बुढ़ापा पेंशन का इंतजार कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इस बजट में बुढ़ापा पेंशन में महज 250 रुपये की बढ़ोतरी की गई है। जबकि, जजपा ने भाजपा के साथ बुढ़ापा पेंशन 5100 महीने करने की शर्त पर गठबंधन किया था। गठबंधन होने के बाद न तो जेजेपी का वादा पूरा हुआ और न ही बीजेपी का।