जननायक जनता पार्टी के टोहाना से विधायक देवेंद्र बबली ने राज्‍य के उपमुख्‍यमंत्री और जजपा प्रमुख दुष्यन्त चौटाला से कहा है कि हमें खट्टर सरकार से अलग हो जाना चाहिए.

रोहतक. केंद्र सरकार के विधायक देवेंद्र बबली को लेकर पंजाब, हरियाणा और उत्‍तर प्रदेश समेत कई राज्‍यों के किसान दिल्‍ली बॉर्डर पर जमे हुए हैं. जबकि इन कानूनों का विरोध हरियाणा में भी जमकर हो रहा है. इसी वजह से मनोहर लाल खट्टर सरकार में शामिल जजपा के कुछ विधायक इस का विरोध कर रहे हैं. इस बीच जननायक जनता पार्टी के टोहाना से विधायक देवेंद्र बबली ने राज्‍य के उपमुख्‍यमंत्री और जजपा प्रमुख दुष्यन्त चौटाला से कहा है कि हमें खट्टर सरकार से अलग हो जाना चाहिए.

इसके साथ टोहाना से विधायक देवेंद्र बबली ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव के दौरान सरकार के पक्ष में वोट करना मेरी मजबूरी है, लेकिन इस समय ऐसे हालात बन गए हैं कि हमें मनोहर लाल खट्टर सरकार से गठबंधन तोड़ देना चाहिए. साथ ही कहा, ‘हालात ऐसे हैं कि हम कहीं जा नहीं सकते, क्‍योंकि लोग हमें डंडों से मारेंगे.’

वहीं, विधायक बबली ने साफ किया है कि अगर मेरे वोट से सरकार गिरती है तो मैं उसके खिलाफ वोट दे दूंगा. जबकि उन्‍होंने पिछले 100 दिन में कई बार विधायक दल की बैठक में किसान आंदोलन पर कोई फैसला नहीं होने पर भी नाराजगी जताई है.

सदन में कही थी यह बात

इससे पहले टोहाना से जननायक जनता पार्टी के विधायक देवेंद्र बबली ने बजट सत्र के दौरान अपनी ही सरकार पर सवाल उठाए थे. उन्‍होंने सदन में किसान आंदोलन के पक्ष में बयान देते हुए कहा कि किसानों के हालात चिंताजनक है और ये आंदोलन प्रदेश के हित में नहीं है. प्रदेश की सीमाओं पर किसान बुजुर्ग महिलाएं और बच्चे बैठे हैं. यह चिंताजनक है और बहुत पीड़ादायक है. हम जब गांव में जाते हैं तो हमें कहा जाता है कि आप गांव में मत आना. हमें गांव में कार्यक्रमों में सामाजिक कार्यक्रमों में आने से रोका जाता है. मैं मुख्यमंत्री उपमुख्यमंत्री और पूरी कैबिनेट से मांग करता हूं कि इस किसान आंदोलन का समाधान करवाया जाए.

मैं खट्टर सरकार के साथ हूं: जजपा विधायक रामकुमार गौतम

विधायक देवेंद्र बबली के उलट जजपा विधायक रामकुमार गौतम ने कहा है कि मैं खट्टर सरकार के साथ हूं और किसानों के साथ भी हूं. लेकिन मैं अविश्वास प्रस्ताव के दौरान सरकार के पक्ष में ही वोट दूंगा. हालांकि मेरी अपील है कि अगर मोदी सरकार ये कानून वापस नहीं ले सकती तो इसे 3 साल 2 महीने के लिए होल्ड कर दें. इसके अलावा गौतम ने कहा कि हरियाणा सरकार के गिरने से कुछ नहीं होगा, क्‍योंकि ये केंद्र के कानून हैं. वहीं, उन्‍होंने कहा कि पंजाब की कैप्टन सरकार ने क्या कुछ नहीं किया, लेकिन क्या कानून वापस हो गए?

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