प्रदेश में महिलाओं पर बढ़ते अत्याचारों और अपराधों पर क्यों खामोश है आयोग. हुड्डा को दिए नोटिश के पीछे इनकी अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा व मजबूरी पटौदी 14/3/2021 : महिला दिवस पर महंगाई को लेकर सरकार के विरोध में किये गए पूर्व सीएम हुड्डा के प्रदर्शन में महिला विधायकों द्वारा ट्रैक्टर खिंचवाने के मामले में जहां प्रदेश महिला आयोग की अध्यक्षा द्वारा कॉन्ग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री को नोटिस जारी किया गया है, वहीं इसी मामले में शकुंतला खटक ने जहां प्रदेश आयोग की अध्यक्षा प्रीति भारद्वाज को करारा जवाब दिया, वहीं अब पटौदी से कॉन्ग्रेस नेत्री सुनीता वर्मा ने भी इस मामले को लेकर प्रेस के नाम विज्ञप्ति जारी करते हुए आयोग की अध्यक्षा पर जवाबी हमला बोला है। उन्होंने कहा कि गैस के दामों में और खाद्य पदार्थों की कीमतों में हो रही बेतहाशा वृद्धि से सबसे ज्यादा असर गृहणियों पर ही पड़ा है ऐसे में मौलिक अधिकारों और प्रजातांत्रिक मूल्यों को लेकर महिलाओं के हितार्थ कितनी बार सरकार को नोटिस भेजे गए ये प्रदेश का महिला आयोग बताए। कॉन्ग्रेस नेत्री ने कहा कि महिला आयोग प्रदेश की महिलाओं की सुरक्षा और उसके अधिकारों के प्रति प्रतिबद्ध होता हैं, ऐसे में बीजेपी शासन में हरियाणा में महिलाओं के उपर जो अपराध व अत्याचार बढ़ें हैं उन्हें लेकर कितनी बार खट्टर सरकार को महिला आयोग की तरफ से नोटिस भेजे गए हैं वो बताएं? पटौदी से कॉन्ग्रेस की सम्भावित भावी प्रत्याशी सुनीता वर्मा ने आयोग की अध्यक्षा पर बीजेपी की प्रवक्ता की तरहं काम करने का आरोप लगाते हुए कहा कि हरियाणां के आईएएस अधिकारी की बेटी के साथ हुई छेड़खानी के समय ये आयोग क्यों कुम्भकर्णी नींद सोया रहा?उन्होंने कहा कि आज बीजेपी राज में हर रोज रैक्स रैकेटों का भंडाभोड़ हो रहा है, मासूम बालिकाओं से रेप व दुर्व्यवहार की घटनाएं बढ़ रही हैं। दहेज हत्या व भ्रूण हत्याएं खूब सुनने को मिल रही हैं ऐसे में महिला आयोग अध्यक्षा बताएं कि उन्होंने कितनी बार प्रदेश के सीएम को नोटिस जारी करके इन संगीन मामलों पर अपनी संवेदनाएं दिखाई ? प्रेस के नाम जारी पत्र में वर्मा ने ये भी कहा कि आज बढ़ती महंगाई व भुखमरी में न जाने कितनी महिलाएं और बच्चियां अपने परिवार को पालने के लिए रिक्शा खींच रही हैं, कूड़ा बीन रही है उन की पीड़ाओं को जान कितनी बार इस महिला आयोग ने प्रदेश की सरकार को इनके अधिकारों की रक्षा के लिए नोटिस भेजा, बताया जाए, क्योंकि प्रदेश की जनता ये जानना चाहती है। भूपेंद्र सिंह हुड्डा को भेजे इस नोटिस से साफ है कि ये आयोग सीएम के आंसुओं पर काम करता है, इस नोटिस के पीछे महिलाओं की पीड़ाओं को समझना नही बल्कि आयोग की अध्यक्षा की अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षाएं व मजबूरियां हैं। Post navigation अज्ञात युवक थ्री व्हीलर लेकर फरार हुए जीडीपी में कृषि की हिस्सेदारी 1950 में जहां 50 प्रतिशत थी अब घटकर -5.7 प्रतिशत रह गई: अभय चौटाला