भिवानी/मुकेश वत्स

 हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड में देश की पहली महिला अध्यापिका एवं नारी मुक्ति आंदोलन की प्रणेता महान समाज सेविका सावित्रीबाई फुले की पुण्यतिथि पर पुष्प अर्पित कर श्रंद्वाजलि दी गई तथा उनकी याद में पौधारोपण किया गया।

सावित्रीबाई फुले को सादर नमन करते हुए बोर्ड अध्यक्ष प्रो0 जगबीर सिंह एवं सचिव ने बताया कि वे प्रथम महिला शिक्षिका, समाज सुधारिका एवं मराठी कवियत्री थी। उन्होंने अपने पति ज्योतिराव गोविंदराव फुले के साथ मिलकर स्त्री अधिकारों एवं शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किए। उन्हें आधुनिक मराठी काव्य का अग्रदूत माना जाता है। 1852 में उन्होंने बालिकाओं के लिए एक विद्यालय की स्थापना की। बोर्ड सचिव ने बताया कि सावित्रीबाई फुले  भारत के पहले बालिका विद्यालय की पहली प्रिंसिपल और पहले किसान स्कूल की संस्थापक थी। सावित्रीबाई ज्योतिराव फुले को भारत में सामाजिक सुधार आंदोलन की एक अहम शख्सियत माना जाता है।

उन्होंने आगे बताया सन् 1848 में बालिका विद्यालय चलाना कितना मुश्किल रहा होगा, इसकी कल्पना शायद आज भी नहीं की जा सकती। लड़कियों की शिक्षा पर उस समय सामाजिक पाबंदी थी। सावित्रीबाई फुले उस दौर में न सिर्फ खुद पढ़ी, बल्कि दूसरी लड़कियों के पढऩे का भी बंदोबस्त किया।

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