कृषि कानून बनाकर अब शोषित-पीडि़त किसानों को बाजार के हवाले कर दिया: सत्यवान

भिवानी/शशी कौशिक  

संयुक्त किसान मोर्चा के एक प्रमुख घटक ऑल इंडिया किसान खेत मज़दूर संगठन ने भिवानी जिला के गांव दुल्हेड़ी में किसान-मजदूर की महापंचायत का आयोजन किया। महापंचायत की अध्यक्षता ओमप्रकाश नम्बरदार देवराला ने की और संचालन राजकुमार जांगड़ा ने किया।

महापंचायत के मुख्यवक्ता एआईकेकेएमएस के राष्ट्रीय अध्यक्ष सत्यवान रहे। पंचायत में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया कि जब तक मोदी सरकार द्वारा थोंपे गए तीन काले कृषि कानून व बिजली बिल 2020 वापस नहीं लिये जायेंगे और न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीद की कानूनी गारंटी नहीं दी जायेगी, तब तक किसान आंदोलन जारी रहेगा। सयुंक्त किसान मोर्चा के कार्यक्रमों को जोरशोर के साथ सफल बनाया जायेगा। किसान आंदोलन में शहीद हुये जुझारू किसानों को श्रद्धांजलि दी गई और 2 मिनट का मौन रखा गया।

आईकेकेएमएस अध्यक्ष सत्यवान ने कहा कि भाजपा की मोदी सरकार ने बड़ी व्यापारिक कंपनियों, कारपोरेट घरानों, धन्ना सेठों के पक्ष में खुल्लम खुल्ला किसान-विरोधी तीन कृषि कानून बनाकर अब शोषित-पीडि़त किसानों को बाजार के हवाले कर दिया है। इन काले कानूनों का मकसद खेती पर पूंजीपतियों का शिकंजा पूरी तरह कायम कराना है ताकि वे अकूत मुनाफा लूट सकें। यदि इन्हें रद्द नहीं किया गया, तो देश के 86 प्रतिशत छोटी व मध्यम दर्जे की जोत के किसानों को का तबाह होना तय है। आवश्यक वस्तु कानून में संशोधन कर छह जरूरी चीजें-सभी अनाज, दालें, आलू, प्याज, वनस्पति तेल और तिलहन की स्टॉक लिमिट खत्म कर जमाखोरी व कालाबाजारी की खुली छूट दी गई है। इससे किसानों व उपभोक्ताओं के साथ-साथ वे परिवार भी संकट में पड़ेंगे जिनकी रोजी-रोटी खेती पर निर्भर है।

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