भारत सारथी/ऋषि प्रकाश कौशिक आज 10 मार्च को अविश्वास प्रस्ताव पर बहस होनी है हरियाणा विधानसभा में और मजेदारी यह है कि अधिकांश राजनैतिक विश्लेषकों का यही मत है कि सरकार को कोई खतरा कतई नहीं है। ऐसी स्थिति में प्रश्न खड़ा होता है कि फिर अविश्वास प्रस्ताव क्यों? अविश्वास प्रस्ताव के बारे में नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा का कहना है कि यह विधायकों के चेहरों से पर्दा उठाने के लिए लाया जा रहा है कि कौन विधायक किसानों के साथ है और कौन विरोधी।अब किसान ही वोट द्वारा राज्य में सरकार बनवाते हैं तो किसानों के विरूद्ध कोई विधायक जाना नहीं चाहेगा और विश्लेषकों के अनुसार हरियाणा की सरकार केंद्र के इशारों पर चलती है। वह अपने आपको जनता के प्रति नहीं अपितु केंद्र के प्रति उत्तरदायी समझती है और केंद्र का निर्देश है कि ये कृषि कानून किसानों के हित में हैं, यह किसानों को समझाया जाए। अत: सत्तारूढ़ गठबंधन भी यही कह रहा है कि वह किसानों के साथ है। दोनों की अपनी-अपनी दलील हैं। अब किसानों की बात करें तो वे इन कानूनों को किसानों के विरूद्ध बता रहे हैं और आज आंदोलनकारी किसानों ने अपने क्षेत्र के विधायकों के निवास पर ज्ञापन भी दिया है कि वह किसान कानून निरस्त करने के लिए मतदान करें। यह ज्ञापन भाजपा-जजपा और निर्दलीय विधायकों को सौंपे गए हैं। अब यह तो हुई हरियाणा विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव की बात। अब प्रश्न वही है कि लोकतंत्र जनता द्वारा ही चलता है, क्या अब चल रहा है? इस समय प्रदेश के मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और अन्य मंत्रीगण अपने क्षेत्र में सफाई भी नहीं कर पा रहे जनता के बीच जाकर। ऐसे में जनता के समर्थन से चलने वाली बात तो नहीं आई न समझ में। अर्थात सरकार जनमत अनुसार नहीं चल रही। पिछले दिनों बलराज कुंडू पर छापे पड़े। सोमबीर सांगवान पर एमएलए हॉस्टल की अत्याधिक पैनल्टी डाली गई। ये बातें अन्य विधायकों को संदेश देने के लिए ही तो हैं।आज विधानसभा में जिस प्रकार कुंडू गरजे, उससे यह लगा कि कुंडू सरकार से डरे नहीं, विरोध में खड़े हैं। अगर कुंंडू उदाहरण बन गए अन्य विधायकों के लिए तो कल के अविश्वास प्रस्ताव में कुछ भी हो सकता है। फिर आज रॉकी मित्तल की गिरफ्तारी को भी दबाव की राजनीति की नजर से देखा जा रहा है। घटना तो 2015 की थी, तो अब तक पुलिस क्यों सो रही थी, इसका जवाब क्या है? Post navigation सदन में डिप्टी सीएम ने किसानों को दिलाया विश्वास चिकित्सकों की कमी को पूरा करने के लिए अलग कॉडर बनाया जाएगा: अनिल विज